बच्चे के ज़िंदा होने के बारे में भी बड़े ही नाटकीय तरीके से मालूम पड़ा। क्योंकि बच्चे की मां का खाता जिस बैंक में था, उसे फ्रीज कर दिया गया था। इसके पीछे की वजह था वह अनाथालय, जहां दंपति का बच्चा रह रहा था। अनाथालय ने बैंक से शिकायत में कहा कि वह महिला के बच्चे की पिछले 7 साल से कड़ी देखभाल कर रहा है। लेकिन उन्हें बच्चे की देखभाल के बदले में फीस के तौर पर एक भी रुपये नहीं दिए गए।
बताते चलें कि महिला ने जिस अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था, उनका कहना था कि उनका बच्चा कुछ ही दिनों में मर जाएगा। जिसके बाद दंपति ने अस्पताल वालों के कहने पर बच्चे को वहीं छोड़ दिया था। इसके लिए तमाम तरह की कानूनी प्रक्रियाओं को भी पूरा किया गया था। लेकिन जब वे कुछ दिनों बाद अपने बच्चे के बारे में पूछताछ के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका बच्चा मर चुका है। जबकि वह तो ज़िंदा था।
दंपति को जैसे ही उनके बच्चे के बारे में पता चला वह भागे-भागे उस अनाथालय पहुंचे। अनाथालय पहुंचने पर जब दंपति ने अपना बच्चा मांगा तो उन्होंने बच्चे के मां-बाप को करीब 2.40 लाख रुपये का बिल पकड़ा दिया। लेकिन अनाथालय वाले यहीं नहीं मानें, उन्होंने बच्चे के माता-पिता को कोर्ट में घसीट लिया। लेकिन कोर्ट का फैसला दंपति के पक्ष में ही दिया गया।