केन्या: हम अक्सर जानवरों में भावनाओं का उमड़ता हुआ सैलाब देखते हैं। वही सैलाब जो इंसान, इंसान के प्रति दिखता है। जिस तरह इंसान अपनों से जुदा होने पर दुखी होता है ठीक उसी तरह जानवर भी अपने झुंड में से किसी अपने से दूर होने पर दुखी होते हैं और अगर वो अपने उनके बच्चे हैं तब तो वो भावनाएं और ज्यादा भावुक हो जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कड़ी से जुड़े मामले से अवगत करा रहे हैं।
यह मामला केन्या के टसावो ईस्ट नेशनल पार्क का है, जहाँ कुछ लोगों कि नज़र अचानक एक गड्ढे पर पड़ी। उस गड्ढे से किसी के चिल्लाने की अजीब से आवाजें आ रही थीं, लेकिन जब लोगों ने पास जाकर देखा तो उनके होश उड़ गये।
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जब लोगों ने गड्ढे के पास जाकर देखा तो उन्हें वहां मिट्टी से सना एक हाथी का बच्चा नजर आया और वहीँ गड्ढे से कुछ ही दूर पर हाथियों का झुंड मौजूद था। लोगों का कहना था कि वो झुंड अपने बच्चे को बचाने में असमर्थ था और उन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे झुंड भी लोगों को बच्चे की मदद करने की गुहार लगा रहा हो। लेकिन आगे जो हुआ उसे देख लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
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जैसे ही लोगों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की तभी झुंड में मौजूद एक हथिनी दौड़ते हुए लोगों भीड़ के नजदीक पहुंची, जिसे देख वहां मदद के लिए मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई लेकिन अचानक उस हथिनी को यह एहसास हो गया कि ये लोग बच्चे की मदद करना चाहते हैं ना कि उसे नुकसान पहुंचाना। हाथी का ये बच्चा लगभग 12 घंटों से मिट्टी में फंसा था। पहले झुंड ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की, जब वो सफल नहीं हो पाए, तब उन्होंने लोगों के आने का इन्तजार करना शुरू किया।