वर्ष 2000 से हो रहा है शिखर बैठक का आयोजन
गौरतलब है कि पीएम मोदी 21 मई की सुबह पुतिन के साथ अनौपचारिक बातचीत के लिए रूस के खुबसूरत शहर सोचि पहुंच सकते हैं। बता दें कि रूस और भारत के शीर्ष नेतृत्व के बीच सालाना शिखर बैठकों का सिलसिला 2000 से शुरू हुआ है और हर वर्ष बारी-बारी से मास्को और नई दिल्ली में बैठकें आयोजित की जाती हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अनौपचारिक वार्ता की शुरुआत चीन के साथ की है। इत तरह के वार्ता के लिए किसी तरह की कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया जाता है और बातचीत के लिए दोनों नेता अपने हिसाब से कोई भी मुद्दा चुन लेते हैं।
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विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की संभावना
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी और पुतिन के बीच चार से छह घंटे की बातचीत हो सकती है। हालांकि इस बैठक के लिए कोई औपचारिक एजेंडा नहीं है। ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना कम है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच ईरान परमाणु समझौते से अमरीका के हटने, अफगानिस्तान व सीरिया में हालात, आतंकवाद के खतरे तथा आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) व ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बैठकों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावे अमरीका के नए कानून सीएएटीएसए के तहत रूस के खिलाफ प्रतिबंधों से भारत-रूस रक्षा सहयोग पर किया असर पड़ेगा इस संबंध में बातचीत हो सकती है।