यात्रा को यादगार बनाने की तैयारी
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की योजना भारतीय पीएम मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक और यादगार बनाने की है, ताकि दुनिया भर में इस बात की मिसाल दी जाए कि जब दो ताकतवर पड़ोसी राष्ट्र के प्रमुखों का एक-दूसरे से मिलना हर लिहाज से खास होता है। इससे पहले 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद जब शी भारत दौरे पर पहली बार आए थे तो पीएम ने अहमदाबाद में शी का जोरदार स्वागत किया था, जिसकी दुनिया भर में चर्चा हुई थी। पीएम ने शी को झूले पर झुलाने के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा भी कराया था। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहां के राष्ट्रपति भारतीय पीएम के इस दौरे को इतना भव्य बनाना चाहते हैं कि जब भी भारतीय किसी स्टेट्मैन के दौरे की बात करें तो इसका जिक्र जरूर हो।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की योजना भारतीय पीएम मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक और यादगार बनाने की है, ताकि दुनिया भर में इस बात की मिसाल दी जाए कि जब दो ताकतवर पड़ोसी राष्ट्र के प्रमुखों का एक-दूसरे से मिलना हर लिहाज से खास होता है। इससे पहले 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद जब शी भारत दौरे पर पहली बार आए थे तो पीएम ने अहमदाबाद में शी का जोरदार स्वागत किया था, जिसकी दुनिया भर में चर्चा हुई थी। पीएम ने शी को झूले पर झुलाने के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा भी कराया था। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहां के राष्ट्रपति भारतीय पीएम के इस दौरे को इतना भव्य बनाना चाहते हैं कि जब भी भारतीय किसी स्टेट्मैन के दौरे की बात करें तो इसका जिक्र जरूर हो।
24 घंटे में 6 बार मिलेंगे मोदी और शी
दोनों देशों के नेताओं की इस मुलाकात को दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल माना जा रहा है। गुरुवार देर रात जब मोदी वुहान एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी आगवानी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री कॉंग जुआंगयू ने की। उसके बाद से वहां पर उनका औपचारिक स्वागत जारी है। चीन को मोदी की इस यात्रा से काफी उम्मीदें हैं। वो दोपहर में वुहान शहर में आयोजित एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस मौके पर चीनी राष्ट्रपति भी मौजूद होंगे। दोनों नेता 24 घंटे में 6 बार मिलेंगे और विभिन्न मसलों पर बात करेंगे। इस मीटिंग में न तो कोई समझौता होगा और न ही दोनों नेता जॉइंट स्टेटमेंट जारी करेंगे।
दोनों देशों के नेताओं की इस मुलाकात को दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल माना जा रहा है। गुरुवार देर रात जब मोदी वुहान एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी आगवानी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री कॉंग जुआंगयू ने की। उसके बाद से वहां पर उनका औपचारिक स्वागत जारी है। चीन को मोदी की इस यात्रा से काफी उम्मीदें हैं। वो दोपहर में वुहान शहर में आयोजित एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस मौके पर चीनी राष्ट्रपति भी मौजूद होंगे। दोनों नेता 24 घंटे में 6 बार मिलेंगे और विभिन्न मसलों पर बात करेंगे। इस मीटिंग में न तो कोई समझौता होगा और न ही दोनों नेता जॉइंट स्टेटमेंट जारी करेंगे।