टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ बनने की रेस में मोदी भी शामिल
Published: Nov 19, 2015 05:02:00 pm
मोदी ने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया और वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के आधुनिकीकरण की कोशिश कर रहे
न्यूयॉर्क। ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ 2015 की घोषणा अगले महीने होगी और पत्रिका ने कहा कि यह सम्मान उस व्यक्ति को दिया जाएगा जो अच्छी या बुरी वजहों से सबसे अधिक चर्चा में रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रिलायंस इंड्रस्टीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ बनने की रेस में शामिल हैं। इन लोगों को टॉप 50 ग्लोबल हस्तियों में शामिल किया गया है।
टाइम ने कहा कि मोदी ने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया और वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के आधुनिकीकरण की कोशिश कर रहे। हालांकि, उन्हें उन दक्षिणपंथी अतिवाद से जुड़े विवादों का भी सामना करना पड़ा है। मोदी पिछले साल भी सम्मान पाने की रेस में थे। हालांकि, उन्हें टाइम के संपादकों ने सम्मान के लिए नहीं चुना लेकिन पाठकों के सर्वेक्षण में उन्हें विजेता घोषित किया गया और उन्हें 50 लाख मत में से 16% से अधिक मत मिले।
टाइम ने अपने पाठकों से कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति के लिए मत दें, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार दिया जाना चाहिए। पाठकों की पसंद का सम्मान जीतने वाले घोषणा अगले महीने की जाएगी। उसके बाद टाइम्स के संपादक सम्मान के लिए 58 उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करेंगे। मोदी को अब तक 1.3त्न मत मिले हैं और इतने ही मत पिचई और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिले हैं। अंबानी को सिर्फ 0. 2 प्रतिशत मत मिले हैं।
अंबानी के बारे में टाइम ने कहा कि भारत में सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन हैं, जिनके पास टेलिकॉम कंपनियों से लेकर दुनिया की कच्चे तेल की सबसे बड़ी रिफाइनरी तक है। अन्य प्रतिस्पर्धियों में पिचई भी शामिल हैं। टाइम ने कहा, ‘गूगल में 11 साल गुजारने के बाद पिचई इस कंपनी के प्रमुख बने। एक अलग तरह के सर्वे ‘फेस ऑफ’ में मोदी को चिनफिंग के समानांतर रखा गया है, जबकि अंबानी को नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के मुकाबले में रखा गया है।