पीएम ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश की, नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया
- सिफारिश से पहले कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई।
- कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री उपस्थित नहीं थे।

नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में पिछले कुछ महीनों से जारी सियायी खींचतान अब राजनीति संकट में तब्दील हो गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश के राष्ट्रपति से नेपाली संसद को भंग करने की अपील की है। इससे पहले पीएम केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी। ऊर्जा मंत्री बरसमैन पुन ने कहा कि बैठक के बाद उन्होंने संसद को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है।
The decision has been made in haste as all the ministers weren’t present in the cabinet meeting this morning. This is against the democratic norms & would take the nation backwards. It can’t be implemented: Narayankaji Shrestha, Spokesperson of ruling Nepal Communist Party https://t.co/P9kYbhksWW
— ANI (@ANI) December 20, 2020
जानकारी के मुताबिक पीएम ओली ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया है। ऐसा इसलिए कि आज सुबह कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री उपस्थित नहीं थे। यह लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है। नेपाल सत्तारूढ़ पार्टी के नारायणजी श्रेष्ठ ने कहा है कि उनका यह फैसला राष्ट्र को पीछे ले जाएगा। उनके इस फैसले को लागू नहीं किया जा सकता।
बता दें कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के सह अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच लंबे समय तक सुलह की कोशिशें जारी थी जो नाकाम हो गई थी। पुष्प कमल दहल की ओर से पार्टी मीटिंग को लेकर दबाव डाले जाने पर ओली ने साफ कह दिया था कि इन बैठकों की आवश्यकता नहीं है। यदि उनके खिलाफ फैसला लिया जाता है तो वह बड़ा ऐक्शन ले सकते हैं।
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