Mali में सैनिक विद्रोह और राष्ट्रपति के इस्तीफे की जानिए पूरी कहानी पर्यवेक्षकों ने चुनाव के निष्पक्ष न होने की बात स्वीकार की है राष्ट्रपति लुकाशेंको का जनता से कहना है कि आप चुनावों में बेइमानी के बारे में बात करते हैं और नए चुनाव आयोजित करना चाहते हैं। तो ये सुन लें कि यहां पर तब तक कोई नया चुनाव नहीं होगा, जब तक आप मुझे गोली नहीं मारेंगे। राष्ट्रपति के बयान पर भी प्रदर्शनकारियों उनकी खिल्ली उड़ाई और जोरदार नारे लगाए। बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको छठी बार राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें यूरोप का आखिरी तानाशाह कहा जाता है। कई स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव के निष्पक्ष न होने की बात स्वीकार की है।
विपक्ष की नेता को डरकर भागना पड़ा उधर बिगड़ते माहौल देखते हुए विपक्ष की नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना देश छोड़कर फरार हो गईं। उन्हें बेलारूस में रहने पर बदले की कार्रवाई का डर लग रहा है। स्वेतलाना पड़ोसी देश लिथुआनिया में शरण ली हुई हैं। चुनाव परिणाम के बाद लोगों के विरोध प्रदर्शन पर स्वेतलाना का कहना है कि भले ही वे चुनाव हार चुकी हैं, पर हिम्मत नहीं हारी है। तानाशाही के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। स्वेतलाना का आरोप है कि उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने की लगातार साजिश हो रही है।
37 वर्ष की स्वेतलाना लुकाशेंको के सामने खड़ी थीं गौरतलब है कि बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको ने सबसे पहले 1994 में चुनाव में जीत हासिल की थी। तब स्वेतलाना मात्र साल की 9 साल की थीं। इस बार 37 वर्ष की स्वेतलाना लुकाशेंको के सामने खड़ी थीं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने वोटो की गिनती में पाया कि लुकाशेंको को 80.23 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं उनकी मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सना को सिर्फ 9.9 प्रतिशत वोट ही प्राप्त हुए हैं। इन परिणामों को देखकर आम जनता सड़क पर उतर आई और चुनाव में धांधली का आरोप लगाया।