राजधानी अश्गाबत को सिटी ऑफ व्हाइट मार्बल के नाम से ही जाना जाता है। इसके नाम व्हाइट मार्बल से बनी ऊंची से ऊंची बिल्डिंग होने का भी रिकॉर्ड है। अश्गाबत तुर्कमेनिस्तान की राजधानी में अब काले रंग की कार सड़कों पर नहीं उतरेंगी। इस देश की सरकार ने इस पर बैन लगा दिया है और अब इस शहर में सिर्फ सफेद या सिल्वर कलर की कार ही नजर आएंगी।
फैसले से परेशान हैं लोग यहां के प्रेसिडेंट गुरबांगुली बर्देमुखाम्मेदोव को सफेद रंग का शौकीन माना जाता है। वो व्हाइट पैलेस में रहते हैं और सफेद रंग की ही लिमोजिन से चलते हैं।
देश के प्रेसिडेंट का मानना है कि ये व्हाइट कलर लकी होता है। पिछले कुछ हफ्तों से यहां डार्क कलर की हर गाड़ी को रोका जा रहा है और पुलिस इसे सीज कर रही है। इतना ही नहीं, कार को दूसरे कलर में पेंट कराने को भी कहा जा रहा है।
पर व्हाइट कलर को लेकर उनका ये पैशन ब्लैक या डार्क कलर के कार ओनर्स के लिए परेशानी बन गया है। उन्हें अपनी कार दोबारा पेंट कराने के लिए फाइनेंशियल दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा।
एक लोकल शख्स ने बताया कि यहां कार को पेन्ट कराने का खर्च करीब 1 लाख 28 हजार है, जबकि देश में लोगों की औसत तनख्वाह ही करीब 21 हजार रुपए है।
न्यूज एजेंसी आरआईए नोवोत्सी के मुताबिक, दो साल पहले तुर्कमेनिस्तान ने ब्लैक कलर की कार के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया था।
यहां महिलाओं का कार ड्राइव करना है बैन यह फैसला तब आया जब महिलाओं की देश में ड्राइविंग बैन कर दी गई है, क्योंकि महिलाओं ने राजधानी में एक के बाद एक कई कार एक्सिडेंट किए।