1984 दंगों पर दिए बयान पर नाराजगी खालिस्तान समर्थक 1984 के दंगों पर दिए राहुल गांधी के बयान से नाराज बताये जा रहे थे। सुरक्षा बलों और पुलिस ने खालिस्तान समर्थकों को कार्यक्रम स्थल से हटाया। ब्रिटिश मीडिया की खबरों में कहा गया हैं कि कार्यक्रम स्थल पर खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए गए। खालिस्तान समर्थक लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एक कार्यक्रम में दिए गए राहुल गांधी के भाषण से नाराज बताये जा रहे थे। इस भाषण में राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को ‘बेहद दुखद त्रासदी’ बताया था। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर आगे बात रखते हुए कहा था कि वह किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते और ऐसे कार्यक्रम में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने का समर्थन करते हैं।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आजकल यूरोपीय देशों के दौरे पर हैं। इस दौरान वह विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं।इस समय वह ब्रिटेन के दौरे पर हैं। इससे पहले वह जर्मनी के दौरे पर थे।
क्या कहा था राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसदों और नेताओं की सभा में शुक्रवार को कहा कि १९८४ के दंगे एक भयानक त्रासदी थी और मुझे और मेरे परिवार को अब इसका बहुत दुख हैं।उन्होंने इन दंगों में कांग्रेस की भूमिका को लेकर कहा कि इन दंगों में कांग्रेस शामिल नहीं थी। राहुल गांधी ने कहा, “मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है।भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं।”
कांग्रेस ने किया बचाव कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। चिदंबरम ने कहा कि उन दंगों के वक्त राहुल गांधी 13 या 14 वर्ष के रहे होंगे। उन्हें दोषी करार नहीं दिया जा सकता है। एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए चिदंबरम ने कहा कि 1984 में कांग्रेस शासन में जरूर थी, लेकिन उस समय जो कुछ भी हुआ वह बहुत त्रासदीपूर्ण था।उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहते हुए संसद में इसके लिए पहली ही माफी मांग चुके हैं।