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व्लादिमिर पुतिन फिर लड़ेंगे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव

Published: Dec 15, 2017 05:11:34 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

रूस में अगले साल मार्च में होने वाले हैं राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव। और भी कई दिग्गजों के नाम हैं इस दौड़ में।

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मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन फिर राष्ट्रपति के चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। एक सभा में उन्होंने घोषणा की कि वे इस बार भी राष्ट्रपति पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। बता दें, रूस में राष्ट्रपति पद के लिए अगले साल मार्च 2018 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। व्लादिमिर चौथी बार चुनाव लड़ेंगे। यदि वे इस बार जीतते हैं तो उनका कार्यकाल 2024 तक होगा।
पुतिन पहली बार 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। साल 2004 में वे दोबारा राष्ट्रपति चुने गए। 2008 से 2012 तक वे रूस के प्रधानमंत्री रहे। साल 2012 में वह फिर से राष्ट्रपति चुने गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- अब तक अन्य कई लोग भी आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। इसमें रूस की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता व्लादिमीर झिरोनोवस्की, लिबरल याब्लोको पार्टी के संस्थापक ग्रिगोरी यवलिन्स्की और रूसी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख मैक्सिम सुराइकिन शामिल हैं। इनके अलावा टीवी प्रस्तुतकर्ता सेनिया सोबचक, उद्योगपति सर्गेई पोलॉन्स्की तथा गायक और पत्रकार एकातेरिना गॉर्डन का नाम भी इस दौड़ में शामिल है।
विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी के भी चुनाव लड़ने की उम्मीद है। हालांकि रूसी केंद्रीय निर्वाचन आयोग का कहना है कि अपनी पिछली सजा के कारण वे ऐसा नहीं कर सकते। इनके अलावा रूसी संघ के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गेनाडी ज्यूगानोव भी राष्ट्रपति चुनाव में उतर सकते हैं।
राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि वे स्वयं अपना नामांकन प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के विकास को लेकर उन पर विश्वास करने वाली राजनीतिक शक्तियां (राजनीतिक दल और जन संगठन) उनका समर्थन करेंगी। पुतिन ने कहा- मुझे रूस की जनता का व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- रूसी लोगों में पुतिन की छवि एक हीरो की तरह है। लोग उन्हें मजबूत नेता मानते हैं। यूक्रेन से क्रीमिया को अलग किए जाने का श्रेय भी पुतिन को दिया जाता है। जबकि उनके आलोचकों का कहना है कि वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। क्रीमिया को अलग करने के उनके कदम की भी आलोचना की जाती रही है।
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