नई दिल्ली। अपने कारनामों के लिए अब आईएसआईएस ने धर्म का सहारा लिया है। आईएस का कहना है कि किसी दूसरे धर्म की महिला का रेप करना इस्लाम का हिस्सा है। आईएस आतंकियों की हवस का शिकार हुई एक 12 वर्षीय यजीदी किशोरी के जरिए आईएस की ये धारणा सामने आई है। अपनी दास्तां बयां करते हुए उसने बताया कि, उसका रेप करने वाला आतंकी कह रहा था कि क्योंकि वह इस्लाम का पालन नहीं करती है इसलिए उससे बलात्कार कर वह कुछ भी गलत नहीं कर रहा है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आईएस आतंकियों का दावा है कि कुरान में किसी दूसरे धर्म की महिला का रेप करना जायज और माफी योग्य बताया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल आईएस आतंकियों ने करीब 5,000 अल्पसंख्यक लड़कियों को अगवा कर लिया था, जिनमें कई को इन लोगों ने गुलाम के तौर पर बेच दिया था।
11 महीनों तक आईएस की कैद में रहने वाली किशोरी ने बताया कि, मैंने उनसे कहा कि आप मुझे छोड़ दो, लेकिन आतंकी ने कहा कि इस्लाम के मुताबिक वह दूसरे धर्म की महिला का रेप कर सकते हैं और तुम्हारा रेप कर खुदा के करीब जा रहा हूं।
वहीं आईएस की कैद से भाग निकलने में कामयाब होने वाली एक 15 वर्षीय किशोरी ने बताया कि, जब भी मेरे साथ रेप करता था तो कहता था कि यह ईश्वर की बंदगी है। मैंने उससे कहा कि तुम यह गलत कर रहे हो तो इस पर उसने कहा कि, हमें इसकी अनुमति है, यह हलाल है।