इसका कारण हो सकती है कीमतों में वृद्धि
दरअसल भीषण गर्म हवा और सूखे के कारण विश्वस्तर पर जौ की फसल के बर्बाद होने के आसार हैं। जिसका सीधा असर बीयर के उत्पादन पर पड़ेगा। मीडया रिपोर्ट के मुताबिक जिन देशों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ेगा उनमें, बेल्जियम, चेक गणराज्य और आयरलैंड का नाम शामिल है।
कई लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर होगा प्रभाव
वहीं शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के अन्य खतरनाक प्रभावों जैसे बाढ़ और तूफान से लाखों लोगों की जिंदगियां तबाह हो जाती हैं, इसकी तुलना में एक बीयर की कमी महत्वहीन प्रतीत हो सकती है। लेकिन बेशक इस कारण कई लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा।
इन देशों पर ऐसा होगा असर
बता दें कि प्रतिष्ठित जर्नल ‘नेचर’ में छपे इस शोध में जलवायु मॉडल के इस्तेमाल से अगले 80 वर्षों में जौ की पैदावार पर चरम मौसम के प्रभाव की जांच की गई। इसके बाद टीम ने आर्थिक मॉडल के इस्तेमाल से विभिन्न देशों में बीयर आपूर्ति और उसका कीमतों पर असर का अनुमान लगाया। रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते अमरीका में बीयर उपभोगों में करीब 14 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं दुनिया के सबसे बड़े बीयर उपभोगताओं के देश चीन में भी करीब 9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।