WHO का बड़ा खुलासा, बताई कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में कमी की वजह 15 जून की रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में गलवान घाटी की घटना के बाद जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष वैंग यी ( Chinese Foreign Minister Wang Yi ) के साथ यह पहली फेस टू फेस बैठक होगी। इस हिंसक झड़प में 16 बिहार के कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हुए थे।
सोमवार को दिल्ली से निकलने के बाद राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, “तीन दिन की यात्रा पर मास्को के लिए रवाना। रूस की यात्रा से मुझे भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर बातचीत करने का अवसर मिलेगा। मैं मास्को में 75वीं विजय दिवस परेड में भी शामिल होऊंगा।”
द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 24 जून को मास्को सैन्य परेड में चीनी रक्षा मंत्री जनरल वी फ़ेंगहे के भी मौजूद होने की संभावना है। इस परेड में भारतीय और चीनी सैनिकों समेत अन्य देशों के देशों के प्रतियोगी भी शामिल हो रहे हैं।
2100 चीनी फाइटर के मुकाबले भारत के पास 850 लड़ाकू विमान, फिर भी Air War में IAF है मजबूत इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के सैन्य प्रमुखों से मुलाकात करेंगे और आने वाले महीनों में रक्षा उपकरणों की आपूर्ति की समीक्षा करेंगे। रूसी उप-प्रधान मंत्री यूरी बोरिसोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के साथ चर्चा के दौरान राजनाथ S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों ( S-400 air defence missile systems ) की डिलीवरी के मुद्दे को भी उठा सकते हैं।
इस बीच आरआईसी के दौरान जयशंकर और वैंग यी का आमने-सामने आना, सीमा तनाव के बीच रणनीतिक संवाद के लिए एक मंच तो बन ही चुका है। गौरतलब है कि इससे पहले 27 फरवरी 2019 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आरआईसी की बैठक के लिए चीन के वुज़ेन की यात्रा की थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के कुछ घंटों के भीतर वह वैंग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलीं और भारतीय कार्रवाई से रूबरू कराया था।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तीन देशों के मंत्रियों की मुलाकात में वैश्विक महामारी की मौजूदा स्थिति और वैश्विक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और इस संदर्भ में आरआईसी सहयोग की चुनौतियों पर चर्चा करने की उम्मीद है।”