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म्यांमार में रोहिंग्या विद्रोहियों ने किया युद्धविराम का ऐलान, 2.5 लाख से ज्यादा लोग कर चुके हैं पलायन

Published: Sep 10, 2017 01:02:00 pm

Submitted by:

ashutosh tiwari

पिछले 2 हफ्ते से म्यांमार की सेना कर रही है रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार, करीब 2.5 लाख से ज्यादा लोगों ने किया पलायन

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नई दिल्ली: हाल ही में प्रधानमंत्रनरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अतंर्राष्ट्रीय लेवल पर भी काफी चर्चित रहा था। पीएम मोदी ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति पर काफी खेद जताया था और भारत की तरफ से हर संभंव मदद का आश्वासन दिया था। इस बीच रविवार को ये खबर आई है कि म्यांमार में रोहिंग्या विद्रोहियों ने म्यांमार की सेना के खिलाफ युद्धविराम का ऐलान कर दिया है। ये युद्धविराम रविवार से ही लागू होगा।
1 महीने के लिए होगा संघर्ष विराम
आपको बता दें कि म्यांमार के राखिने में बीते दो सप्ताह से रोहिंग्या मुस्लिमों पर हिंसक अत्याचार हो रहा है, जिसको लेकर अब रोहिंग्या विद्रोही समूह ने 1 महीने के लिए युद्धविराम का ऐलान कर दिया है। विद्रोहियों के एक ग्रुप आराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने मानवीय संकट को कम करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए युद्धविराम का ऐलान किया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, विद्रोहियों का ये संघर्ष विराम रविवार यानि कि आज से शुरु होगा।
2 हफ्तों से जारी है सेना की कार्रवाई
रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा किया गया ये ऐलान म्यांमार के पश्चिम में चल रहे मानवीय संकट को कम करने की दिशा में उठाया गया ये अहम कदम है। आपको बता दें कि म्यांमार के सुरक्षा बलों पर आराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के हमले के बाद दो हफ्तों से म्यांमार की सेना ने सशस्त्र अभियान चलाया हुआ है, जिसके कारण करीब तीन लाख रोहिंग्या मुस्लिमों ने भागकर बांग्लादेश में शरण ली है।
2.5 लाख से ज्यादा रोहिंग्याओं ने किया पलायन
आपको बता दें कि बीते 25 अगस्त को ARSA की तरफ से दिए गए एक बयान में कहा गया था कि सभी पीड़ितों की मानवीय सहायता का आग्रह किया था। इस बयान में म्यांमार सरकार से सभी सैन्य अभियानों को बंद कर पीड़ितों की मदद के लिए चलाए गए अभियानों में हिस्सा लेने को कहा गया है। संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राखिने में भड़की हिंसा के बाद 25 अगस्त से लेकर अब तक 290,000 रोहिंग्या बांग्लादेश चले गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि सहायता समूहों को म्यांमार से भागे रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए सात करोड़ 70 लाख डॉलर की तत्काल ज़रूरत है। वहीं एक सरकारी बयान में ये कहा गया है कि जो लोग भागकर बांग्लादेश चले गए हैं, उन्हें यहां नहीं आने दिया जाएगा।
मौतों के सरकारी आंकड़े नहीं हैं साफ
वहीं म्यांमार के लिए मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगही ली ने शुक्रवार को बताया था कि बीते दो सप्ताह से हुई हिंसा में 1,000 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में सिर्फ 421 मौतों की पुष्टि की गई है।
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