रूस के अस्पताल कोरोना के मरीजों पर एंटीवायरल ड्रग एविफविर (Avifavir) का उपयोग शुरू करने जा रहे हैं। 11 जून से इस दवा को लोगों पर इस्तेमाल करना शुरू किया जाएगा। दवा को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इतनी मात्रा में इस दवा का प्रोडक्शन होगा कि एक माह में कम से कम 60 हजार मरीज ठीक हो जाएंगे।
रूस ने दी मान्यता अब तक कोरोना की कोई अधिकारिक दवा नहीं है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे अप्रूव कर दिया है। सरकार ने इसे क्लिनिकल ट्रायल के बाद मान्यता दी है। बताया जा रहा है कि क्लिनिकल ट्रायल में 330 लोगों को दवा दी गई और सभी मरीजों का 4 दिनों के अंदर इलाज भी हो सका। उन्होंने बताया है कि अभी इसके और ट्रायल किए जाएंगे।
विशेष प्रक्रिया के तहत मंजूरी दे दी थी अभी तक कोरोना वायरस की एक भी वैक्सीन नहीं बन पाई है। कई देशों में इसकी दवा बनाने की तैयारी चल रही है। कई जगहों पर वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है। मगर अभी तक कोई भी दवा कारगर साबित नहीं हुई है। गिलियड कंपनी की एक दवा रेमेडिसिविर का कुछ देशों में इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि ये भी कोरोना वायरस से संक्रमितों पर पूरी तरह से उपयोगी साबित नहीं हुई है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्रग के उपयोग के लिए विशेष प्रक्रिया के तहत मंजूरी दे दी थी। इसका मार्च में उत्पादन शुरू हो गया था। 90 प्रतिशत लोगों में यह 10 दिन के अंदर वायरस का खात्मा कर देता है।