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China को लगा करारा झटका! रूस ने कहा- UNSC में स्थायी सदस्य बनने का हकदार है भारत

locationनई दिल्लीPublished: Jun 23, 2020 09:41:45 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ( Russian Foreign Minister Sergey Lavrov ) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में संभावित सुधार हो और भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UN Security Council ) का स्थायी सदस्य बनने का हक है।
उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि भारत इसका पूर्णकालिक सदस्य बनने का हकदार ( India is entitled to become a permanent member in UNSC ) है और हम भारत की दावेदारी का पूरा समर्थन करेंगे।

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Russia says India is entitled to become a permanent member in UNSC

नई दिल्ली। भारत-चीन ( India China Tension ) के बीच लद्दाख सीमा के गलवान घाटी ( Galwan valley ) को लेकर चल रहे तनाव के बीच मंगलवार को भारत-चीन-रूस ( RIC ) के विदेश मंत्रियों की आभासी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) बैठक हुई। इस बैठक में चीन को एक करारा झटका लगा है।

दरअसल, रूस ने भारत के समर्थन बयान देते हुए कहा है कि नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC ) में स्थायी सदस्यता का हकदार है। विदेश मंत्रियों के बीच जारी बैठक में UNSC में भारत के लिए स्थायी सदस्यता की मांग उठी।

RIC Meeting में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश

इस पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ( Russian Foreign Minister Sergey Lavrov ) ने साफ-साफ शब्दों में स्पष्ट तौर पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र ( United nation ) में संभावित सुधार हो और भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य ( Permanent Member in UNSC ) बनने का हक है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि भारत इसका पूर्णकालिक सदस्य बनने का हकदार है और हम भारत की दावेदारी का पूरा समर्थन करेंगे।

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भारत-चीन को किसी की मदद की जरूरत नहीं: लावरोव

गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक घटना के बाद दोनों देशों में जारी तनाव को लेकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उम्मीद है स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को बाहर से कोई मदद नहीं चाहिए। वे अपने विवाद को खुद के दम पर सुलझाने में सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि बैठक में नई दिल्ली और बीजिंग ( Bijing ) ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। दोनों देशों ने रक्षा अधिकारियों, विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठकें शुरू कीं और दोनों पक्षों में से किसी ने भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिससे यह संकेत मिले कि उनमें से कोई भी गैर-कूटनीतिक तरीके से विवाद का समाधान चाहता है।

अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए: जयशंकर

आपको बता दें कि RIC की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister S. Jaishankar ) ने कहा, ‘दुनिया की प्रमुख आवाजों को हर तरह से अनुकरणीय होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना, साझेदारों के वैध हित को पहचानना, बहुपक्षवाद का समर्थन करना और अच्छाई को बढ़ावा देना ही एक टिकाऊ विश्व व्यवस्था का निर्माण करने का रास्ता है।’

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उन्होंने आगे कहा कि ‘यह विशेष बैठक हमारे लंबे समय से चल रहे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों में विश्वास को दोहराती है, लेकिन आज चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं बल्कि समान रूप से इसपर अभ्यास की हैं।’

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