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आईएसएस जा रहे सोयूज रॉकेट के फेल होने के ढूंढ़े जा रहे हैं कारण, बूस्टर में आई समस्या बन सकती है अड़ंगा

Published: Oct 12, 2018 10:11:18 am

Submitted by:

Mohit Saxena

अमरीकी अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओवचीनिन को कजाकिस्तान में रॉकेट से सुरक्षित निकाला गया

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आईएसएस जा रहे सोयूज रॉकेट के फेल होने के ढूंढ़े जा रहे हैं कारण, बूस्टर में आई समस्या बन सकती है अड़ंगा

बैकोनूर। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) जा रहे एक सोयूज रॉकेट में सवार दो सदस्यों को आपात स्थिति में उतरना पड़ा है। पहले से ही संकट से जूझ रहे रूस के अंतरिक्ष उद्योग के लिए यह एक बड़ा झटका है। अमरीकी अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओवचीनिन को कजाकिस्तान में रॉकेट से सुरक्षित निकाला गया। रॉकेट लॉन्च के असफल होने के कारण का पता नहीं चल सका है,लेकिन मिशन कंट्रोल से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि शायद भार की कमी के कारण ऐसा हुआ या प्रक्षेपण के बूस्टर में आई समस्या के कारण अभियान सफल नहीं हो सका ।
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मानवयुक्त उड़ान में इस तरह की यह पहली घटना

रूसी जांच अधिकारियों ने कहा कि वे इस घटना की जांच कर रहे हैं। देश के इतिहास में ऐसी मानवयुक्त उड़ान में इस तरह की यह पहली घटना है। हाल के वर्षों में रूसी अंतरिक्ष उद्योग को कई समस्याओं से जूझना पड़ा है। उसे कई उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष यानों का नुकसान उठाना पड़ा है। भार की कमी को तकनीकी खामी के तौर पर ही माना जाता है और जैसे ही मिशन कंट्रोल टीम को इसके संकेत मिले क्रू कैप्सूल के जरिए दोनों अंतरिक्ष सवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
क्रू सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं

नासा की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कजाकिस्तान के दिजेजकजान शहर से 20 किमी. की दूरी पर उतारा गया। नासा अधिकारियों के अनुसार,क्रू सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं। क्रू कैप्सूल की बलिस्टिक लैंडिंग कराई गई। इसका मतलब है कि धरती की तरफ लौटते हुए गति कम थी जिसकी वजह से आपातकालीन लैंडिंग नीचे की तरफ से गिरते हुए कराई गई। रॉकेट भारतीय समयानुसार गुरुवार को देर रात दो बजकर 10 मिनट पर कजाखस्तान के बैकानुर अंतरिक्षयान प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। इससे पहले रॉसकॉसमोस के प्रमुख दमित्री रोगोजिन ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने एक सरकारी आयोग को हादसे की जांच करने का आदेश दिया है। नासा ने कहा कि प्रक्रिया (सेपरेशन) के कुछ सेकेंड के बाद प्रक्षेपण के बूस्टर (रॉकेट) में समस्या आ गई। जिसके बाद अभियान रोक दिया गया।

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