तितली’ का खतरा टला नहीं: आज ओडिशा लौटकर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा, आंध्रप्रदेश में 8 की मौत मानवयुक्त उड़ान में इस तरह की यह पहली घटना रूसी जांच अधिकारियों ने कहा कि वे इस घटना की जांच कर रहे हैं। देश के इतिहास में ऐसी मानवयुक्त उड़ान में इस तरह की यह पहली घटना है। हाल के वर्षों में रूसी अंतरिक्ष उद्योग को कई समस्याओं से जूझना पड़ा है। उसे कई उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष यानों का नुकसान उठाना पड़ा है। भार की कमी को तकनीकी खामी के तौर पर ही माना जाता है और जैसे ही मिशन कंट्रोल टीम को इसके संकेत मिले क्रू कैप्सूल के जरिए दोनों अंतरिक्ष सवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
क्रू सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं नासा की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कजाकिस्तान के दिजेजकजान शहर से 20 किमी. की दूरी पर उतारा गया। नासा अधिकारियों के अनुसार,क्रू सदस्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं। क्रू कैप्सूल की बलिस्टिक लैंडिंग कराई गई। इसका मतलब है कि धरती की तरफ लौटते हुए गति कम थी जिसकी वजह से आपातकालीन लैंडिंग नीचे की तरफ से गिरते हुए कराई गई। रॉकेट भारतीय समयानुसार गुरुवार को देर रात दो बजकर 10 मिनट पर कजाखस्तान के बैकानुर अंतरिक्षयान प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। इससे पहले रॉसकॉसमोस के प्रमुख दमित्री रोगोजिन ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने एक सरकारी आयोग को हादसे की जांच करने का आदेश दिया है। नासा ने कहा कि प्रक्रिया (सेपरेशन) के कुछ सेकेंड के बाद प्रक्षेपण के बूस्टर (रॉकेट) में समस्या आ गई। जिसके बाद अभियान रोक दिया गया।