उन्होंने यह जीत ऐसे समय प्राप्त की है, जब चुनाव से कुछ देर पहले अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाए थे कि रूस राष्ट्रपति अभियान में सैंडर्स की मदद करने की कोशिश कर रहा है।
शुरुआती नतीजों ने दर्शाया कि सैंडर्स शनिवार को हुए मतदान में लगभग 40 फीसदी मतों के साथ आगे हैं, वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन लगभग 22 प्रतिशत वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं और चुनावों पर नजर रखने वाली मीडिया ने सैंडर्स को विजेता घोषित किया है।
जीत के वोट का अंतर अब उन्हें स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने की रेस में आगे दिखा रहा है, हालांकि 47 और राज्यों में अभी पार्टी के आंतरिक चुनाव होने हैं, ऐसे में आगे जाकर उनकी स्थिति बदल सकती है।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने शुक्रवार को बताया कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के अनुसार रूस राष्ट्रपति अभियान में सैडर्स की मदद करने की कोशिश कर रहा है और अधिकारियों ने उन्हें एक महीने पहले इस बारे में जानकारी दी थी।
नेवाडा मतदान की पूर्व संध्या पर एक महीने पहले की एक ब्रीफिंग के बारे में जानकारी लीक होने जैसी बात ने सैंडर्स को लेकर चुनावी नतीजों पर कोई असर नहीं डाला, जिन्हें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों का समर्थन था, जो पार्टी का मजबूत आधार बना रहे हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी रूसी फैक्टर से प्रभावित है, जिसमें 2016 में ट्रंप की हिलेरी क्लिंटन (Hillary clinton) पर जीत के लिए मॉस्को को दोषी ठहराया गया था और मॉस्को का कोई भी जिक्र कुछ मतदाताओं को पार्टी से दूर कर सकता है।
सैंडर्स ने रूसी (Russia) सहायता की बात से इनकार किया और कहा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मेरा संदेश स्पष्ट है, अमेरिकी चुनावों से दूर रहें, और प्रेसीडेंट के रूप में मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि आप ऐसा करें।”
78 वर्षीय सैंडर्स की अपनी कट्टरपंथी नीतियों के कारण युवा मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ है, उनकी नीतियों में अमीर और न्यूनतम मजदूरी पर कर बढ़ाना और सभी के लिए चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराना, कॉलेज और स्कूल भोजन मुफ्त में प्रदान करना शामिल है।