परिवार से दूर गुजर-बसर-
प्रो. संजीव ने दक्षिणी लंदन में किराए पर फ्लैट इसलिए लिया, क्योंकि वे परिवार में किसी को परेशान किए बिना इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर ध्यान देना चाहते थे। वह कहते हैं कि इस मिशन से जुड़े हुए 400 से अधिक वैज्ञानिकों में से कई घर से काम कर रहे हैं। उन्हें मिशन के दौरान नासा की कैलिफोर्निया लैब में न होने का मलाल है।
मंगल पर 40 मिनट बड़ा होता है दिन –
प्रो. संजीव ने बताया कि मंगल पर धरती की तुलना में दिन 40 मिनट बड़ा होता है। टीम पूरे दिन काम करती है। रोवर की लैंडिंग के बाद वह 5 कम्प्यूटर, 2 एपल मैक, 1 आइपैड, 2 अन्य स्क्रीन व जूम स्टाइल मीटिंग के साथ काम में जुटे हैं। इन मीटिंग में तय होता है कि सैम्पल कहां से उठाने हैं। प्रो. गुप्ता ने बताया कि परसिवरेंस रोवर मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर पर लैंड हुआ है।