इंटरपोल ने चीन पर बनाया दबाव, कहा-मेंग के लापता होने का स्पष्टीकरण दे सरकार जीवाश्म ईंधन का बड़ा निर्यातक दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 195 सदस्य देशों वाले आईपीसीसी की बैठक में इस अहम रिपोर्ट पर मंथन किया जा रहा है,जिसमें ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। इन रास्तों में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को काफी कम करना शामिल है,जिसका सऊदी अरब बड़ा निर्यातक है। जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है।
दो समूह के बीच लड़ाई एक पर्यवेक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम इस बात को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं कि एक देश धमकी दे रहा है कि अगर उसकी मांग के अनुरूप वैज्ञानिक पड़तालों को बदला नहीं जाता है या हटाया नहीं जाता है तो वह आईपीसीसी विशेष रिपोर्ट को स्वीकार करने नहीं देगा। सूत्र ने और दो अन्य व्यक्तियों ने इस देश की पहचान सऊदी अरब के तौर पर की है। इन्हें स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी है। बैठक में हिस्सा ले रहे एक प्रतिभागी ने भी नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि यह बड़े तेल उत्पादक देश सऊदी अरब और विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे छोटे द्वीप राष्ट्रों के बीच की लड़ाई बन गई है।