विभाग ने एक बयान जारी करके कहा कि- ‘विभाग को पछतावा है कि वह फिलीपींस की महिला की जिंदगी बचाने में कामयाब नहीं हो पाया। सऊदी अरब की सुप्रीम जूडीशियल काउंसिल ने महिला के मामले को एक ऐसे मामले के रूप में वर्गीकृत किया, जिसमें शरिया कानून के तहत मुआवजे का नियम लागू नहीं होता।‘
इस्लामिक कानून के अनुसार- अगर मरने वाले का परिवार दंड के बदले में धन का भुगतान स्वीकार कर लेता है तो यह ‘मुआवजा प्रणाली’ हत्या के लिए मृत्युदंड की सजा में पर्वितन की इजाजत देती है।
सुनवाई के दौरान रियाद स्थित फिलीपींस दूतावास ने महिला को कानूनी सहायता मुहैया कराई थी। उससे मिलने के लिए प्रतिनिधियों को जेल भेजा था और परिवार को घटनाक्रम की जानकारी दी थी। विभाग ने अपराध का विसतृत विवरण नहीं दिया है।