संक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है ‘नेचर स्ट्रक्चरल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि ‘नैनोबॉडीज’ प्रोटीन एसीई2 के साथ अंतः क्रिया को रोककर कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के साथ संक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है। इस अध्ययन में सार्स-सीओवी-2 को बेअसर किया गया है। उन्होंने लामाओं से प्राप्त एंटीबॉडी की क्षमता को बारीकी से परखा है।
मानव एंटीबॉडी में भी दो श्रृंखलाएं होती हैं शोधकर्ताओं के अनुसार अधिकांश स्तनधारियों की तरह मानव एंटीबॉडी में भी दो श्रृंखलाएं होती हैं। भारी और हल्की मगर लामा जैसे जीवों में एक अतिरिक्त एकल भारी श्रृंखला की एंटीबॉडी होती है। इसे नैनोबॉडी के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नैनोबॉडी छोटे, स्थिर और आसानी से निर्मित होते हैं। इस तरह निदान के लिए पारंपरिक एंटीबॉडी के विकल्प के रूप में काम करते हैं।
संक्रमण के 2 लाख से अधिक मामले रोजना सामने आ रहे हैं गौरतलब है कि बीते पांच दिनों से दुनिया भर में संक्रमण के 2 लाख से अधिक मामले रोजना सामने आ रहे हैं। रविवार को दुनियाभर में संक्रमण के 2 लाख नए मामले सामने आ चुके हैं।इसके बाद कुल मामले बढ़कर 1 करोड़ 30 लाख से अधिक हो गए हैं। बीते 24 घंटे में संक्रमण से 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई हैं। इसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर अब 5 लाख 71 हजार से अधिक हो गया है। रविवार को सबसे ज्यादा 61 हजार नए मामले अमरीका में सामने आए जबकि भारत में 29 हजार और ब्राजील में 25 हजार नए केस मिले हैं।
अमरीका और भारत में रेमडेसिवीर अमरीका में रेमडेसिवीर को अभी तक खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) से मान्यता नहीं मिली है। मगर एजेंसी ने 1 मई को इसके लिए एक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) जारी किया। इस तरह से अब डॉक्टरों को गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए दवा का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल चुकी है। भारत में भी इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है।