जैसलमेर. विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुकी स्वर्णनगरी की सडक़ों व गली-मोहल्लों में जख्म ही जख्म देखने को मिल रहे हैं। इन दिनों अव्यवस्थाओं का हाल बना हुआ है। आए दिन जगह-जगह सीवरेज का गंदा पानी वाहन चालकों के लिए परेशानी बना हुआ है, वहीं दूसरी और शहर के मुख्य मार्गों पर राहगीरों के लिए बनाए गए फुटपाथ भी दुर्दशा का दंश झेल रहे है। हालत यह है कि फुटपाथ के नीचे बने सीवरेज के नालों के ढक्कन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गए है और कहीं-कही सफाई के लिए खोले गए ढक्कनों को वापिस लगाना कर्मचारी व अधिकारी भुला चुके है। ऐसे में राहगीरों को हर समय बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। नगरपरिषद की कथित उदासीनता के कारण शहर में सीवरेज लाइनों पर न तो ढक्कन लगे है और न हीं समय पर इनकी सफाई की जा रही है। ऐसे में आए दिन शहर के विभिन्न भागों में सीवरेज लाइन में ओवर फ्लो के कारण गंदा पानी सडक़ों पर फैल जाता है। ऐसे में राहगीरों व परेशानियों को हर दिन परेशानियों से रु-ब-रु होना पड़ रहा है।
१० से १२ फुट गहरे सीवरेज के गड्ढ़े
शहर के मुख्य मार्गो के दोनों और बने फूटपाथ के नीचे बने सीवरेज के गड्ढ़ों की गहराई करीब १० से १२ फीट है। नगरपरिषद की उदासीनता के कारण इनके ढक्कन कहीं क्षतिग्रस्त तो कहीं जर्जर हो चुके हैं। शहर के एयर फोर्स चौराहा, स्वर्णनगरी चौराहा, गड़ीसर चौराहा, नगरपरिषद रोड सहित अन्य मुख्य मार्गों के दोनों ओर बने सीवरेज के गड्ढ़ों में से अधिकांश के ढक्कन खुले है तो कुछ के ढक्कन क्षतिग्रस्त हालत है। ऐसे में बड़ा हादसा होने की आशंका हर समय बनी रहती है। यहां राहगीरों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहरवासी सुरेन्द्र कुमार बताते हैं कि शहर में पर्यटन सीजन समाप्त होने के साथ सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है। गृहणी तारादेवी के अनुसार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जगह-जगह कचरे के ढेर व उन पर मंडराते हुए पशुओं को देखा जा सकता है। ऐसे में यहां की सुन्दरता भी प्रभावित हो रही है।