लेकिन नॉर्वे से जो खबरें सामने आई है, वह बहुत ही डरावना और चिंताजनक है। दरअसल, नॉर्वे में कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इससे पहले भी कई देशों में वैक्सीन लगवाने के बाद कई लोगों की मौत हुई है।
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ऐसे में वैक्सीन की प्रमाणिकता और प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मरने वालों में अधिकतर बुजुर्ग हैं। बता दें कि नॉर्वे में नए साल से चार दिन पहले यानी दिसंबर के आखिरी सप्ताह के अंतिम दिनों में टीकाकरण अभियान ( Corona Vaccination In Norway ) की शुरुआत हुई थी। अब तक पूरे देश में 33 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। नॉर्वे में फाइजर-बायोएनटेक ( Pfizer-BioNTech Vaccine ) द्वारा निर्मित वैक्सीन को लगाया जा रहा है।
वैक्सीन की वजह से 13 लोगों के मौत की पुष्टि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्वे में अब तक जितने लोगों की मौत हुई है, उन सभी ने फाइजर वैक्सीन की पहली डोज ली थी। इसके बाद से सभी की तबीयत बिगड़ गई। मरने वाले 23 लोगों में से 13 लोगों की वैक्सीन की वजह से मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बाकी की जांच की जा रही है।
नॉर्वेयिन मेडिसिन एजेंसी के मुताबिक, 13 का परिणाम अब तक सामने आया है। इसमें ये पाया गया कि सामान्य दुष्प्रभाव ने बीमार, बुजुर्ग लोगों में वैक्सीन का गंभीर रिएक्शन हुआ है। सरकार ने भी कहा है कि जो लोग बीमार हैं या बुजुर्ग हैं उनके लिए वैक्सीनेशन काफी रिस्कभरा हो सकता है।
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बता दें, वैक्सीन से साइड इफेक्ट के अब तक 29 मामले सामने आ चुके हैं। नॉर्वे में मरने वालों में अधिकतर की आयु 80 साल से ऊपर है। इनमें से कई की उम्र 90 साल से भी अधिक है। सभी की मौत नर्सिंग होम में हुई है।
नार्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन का मानना है कि संभवत: कुछ मरीजों को बुखार और अस्वस्थता जैसे साइड इफेक्ट हुए थे और बाद में गंभीर बीमारी में बदल गए, जिससे उनकी मौत हो गई।
फाइजर वैक्सीन न लगाने का सुझाव
नॉर्वे समेत कई देशों में फाइजर वैक्सीन ( Pfizer Vaccine ) की वजह से लोगों की मौत की खबरें सामने आई है। इसके बाद से कई सवाल खड़े हुए हैं। अब इस वैक्सीन को लगवाने का सुझाव दिया जा रहा है। चीन के हेल्थ एक्सपर्ट ने नॉर्वे व अन्य देशों को ये सुझाव दिया है कि जहां-जहां पर भी फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, तत्काल रोक देना चाहिए।
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एक चीनी इम्यूनोलॉजिस्ट ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन को जल्दबाजी में बनाया गया है और संक्रमण के रोकथाम को लेकर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल नहीं किया गया, जिसके कारण अब इसका साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है। बता दें कि फाइजर वैक्सीन लगाने के कारण इससे पहले डॉक्टर के मौत की भी खबर सामने आ चुकी है।