वह वेटिकन में चर्च के प्रमुख संचालन समूह से वार्षिक कार्यक्रम में बोले रहे थे। पोप ने कहा कि- ‘चर्च कभी चुप्पी साधने की कोशिश नहीं करेगा और हर मामले को गंभीरता से लेगा।’ उन्होंने यहां तक कह कि- ‘यह स्पष्ट होना चाहिए कि इन आरोपों के संबंध में, चर्च इन अपराधों को अंजाम देने वालों को सजा देने के लिए हरसंभव कोशिशें करेगा।’
गौर हो, बाल यौन उत्पीड़न मामलों को लेकर करीब सवा अरब अनुयायियों वाला रोमन कैथोलिक चर्च दुनिया भर में विवादों में है। इसी सप्ताह पोप ने एक नाबालिग के ‘उत्पीड़न’ को लेकर एक अमरीकी बिशप का इस्तीफा स्वीकार किया था।
अपने संबोधन में उन्होंने स्वीकार किया कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अतीत में कुछ लोग गैरजिम्मेदारी, अविश्वास, प्रशिक्षण की कमी, अनुभवहीनता के कारण कुछ मामलों से गंभीरता और तत्परता से नहीं लिया और न ही इससे निपटने के लिए गंभीरता दिखाई।
पोप ने दोहराया कि- ‘ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा। ऐसा पूरे चर्च का निर्णय है।’ पोप ने यह आह्वान भी किया कि पादरियों सहित जिसने भी बच्चों का उत्पीड़न किया है, वह खुद को कानून के हवाले कर दे।