शादोत के परिवार में उनकी पत्नी ताजमहल खातून (39) और एक 13 वर्षीय बेटे के अलावा 2 बेटियां भी है। हालांकि शादोत ने अपनी दोनों बेटियों की शादी कर दी है। शादोत बताते हैं कि उनका बेटा अब्दुल्लाह उनके पास नहीं आता क्योंकि वो उनके शरीर को देख कर काफी डर जाता है। अब्दुल्लाह अपने पिता की ऐसी हालत नहीं देख पाता और उनसे दूर भाग जाता है। शादोत का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें न्यूरोफिब्रोमैटिस नाम की बीमारी है। इसमें ये बबल टाइप के ट्यूमर शरीर के अंदर नसों तक अपनी पहुंच बना लेते हैं, जिससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है।
शादोत ट्यूमर से छुटकारा पाने के लिए ज़िंदगी से जद्दोजहद कर रहे हैं। बता दें कि ये ट्यूमर शादोत की आंखों को पूरी तरह से ढकने वाले हैं। अगर डॉक्टरों ने जल्द से जल्द इसका इलाज नहीं किया तो शादोत की आंखें शायद हमेशा के लिए खराब हो जाएंगी। शादोत की पत्नी कहती हैं कि कई बार तो ऐसा होता है कि शादोत ट्यूमर की वजह से होने वाले दर्द से दिन भर तड़पते हैं।
सिर से लेकर पैरों कर ट्यूमर से घिरे हुए 47 वर्षीय शादोत कपड़े भी नहीं पहन सकते। इतना ही नहीं शादोत ठीक से खाना भी नहीं खा सकते। उन्होंने बताया कि जब वे रोटी खाते हैं तो उनके गले में तेज़ जलन के साथ दर्द होने लगता है। इसलिए वे ज़्यादातर चावल ही खाते हैं। डॉक्टरो ने बताया कि इन ट्यूमर्स को जड़ से खत्म करना काफी मुश्किल है। लेकिन सबसे ज़्यादा खतरा उनकी आंखों को है, ऐसा भी हो सकता है कि वे हमेशा के लिए देख न पाएं। इसके अलावा आगे चलकर उनकी जान पर भी आफत आ सकती है।