लड़की ने आखिरी वक्त पर खुद को उड़ाने का फैसला बदल दिया और खुद को बम वाले जैकेट से आजाद कर विस्फोट होने से रोक लिया
अबूजा। दिकवा रिफ्यूजी कैंप में फिदायीन हमला कर 58 से अधिक लोगों की जान लेने वाले बोको हराम के आत्मघाती हमलावरों में एक लड़की भी थी। हालांकि लड़की ने आखिरी वक्त पर खुद को उड़ाने का फैसला बदल दिया और खुद को बम वाले जैकेट से आजाद कर विस्फोट होने से रोक लिया। लेकिन दुर्भाग्यवश उसके दो अन्य साथियों ने बोको हराम के आदेश को माना और कैंप में भीड़ वाली जगह पर जाकर खुद को धमाके के साथ उड़ा दिया।
सेल्फ डिफेंस फाइटर मोदू अवामी ने बताया कि लड़की ने बताया कि उसे पता था कि वह लोगों को मारने जा रही है। उसे बोको हराम का आदेश न मानने से भी डर लग रहा था। फिलहाल लड़की हिरासत में है। उससे पूछताछ कर बोको हराम की दूसरी आतंकी योजनाओं की जानकारी हासिल की जा रही है।
सेल्फ डिफेंस फाइटर मोदू अवामी ने बताया कि अभी इसकी जानकारी नहीं मिली है कि लड़की बोको हराम के चंगुल में कैसे फंसी। सेना में बम को डिफ्यूज करने वाले एक्सपर्ट ने बताया कि कुछ आत्मघाती हमलावरों को रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। ताकि वे खुद से बम को हटा न सकें। गौरतलब है कि दिकवा कैंप में 50 से अधिक रिफ्यूजी हैं
जानकारी के मुताबिक बोको हराम की वजह से करीब 50 हजार लोग अपना घर छोड़कर दिकवा रिफ्यूजी कैंप में शरण लिए हुए हैं। 6 साल के भीतर बोको हराम ने 20 हजार से अधिक लोगों की हत्याएं की हैँ जबकि 25 लाख लोग अपना घरबार छोड़कर नाइजीरिया की सीमा के आसपास रहने को मजबूर हुए हैं।