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बुधवार यानी आज नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल पियाल डी सिल्वा ने एक रिबन काटकर इसका उदघाटन किया। उन्होंने बताया कि इसमें समय-समय पर खास प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसका मकसद होगा कि लोग म्यूजियम आकर अलग महसूस करें। इसके साथ ही वे समुद्री जीवों के साथ सैन्य धरोहर नज़दीक से जान सकें।
पियाल ने आगे कहा कि इस कमाल के अंडर वाटर म्यूजियम को पानी के भीतर 15.2 मीटर अंदर बनाया गया है। ये म्यूजियम श्रीलंका की नौसेना के सभी गोताखोरों को समर्पित है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी।
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म्यूजियम को आमलोगों के लिए खोलने से पहले ही इसमें जीव प्रजनन का काम शुरू कर दिया गया था। इसे देखने के लिए लोग बोट से यहां पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही म्यूजियम में पर्यटक तैरकर भी जा सकेंगे। साथ ही समुद्री जीवों के साथ तैराकी भी कर सकेंगे। इसके लिए जरूरी सामान भी मुहैया कराए जाएंगे।
यहां स्कूबा डाइविंग सूट पहनकर पानी में तैरने का प्रबंध किया गया है। नौसेना ने म्यूजियम को सजाने के लिए सेना द्वारा मिली हुई मूर्तियों का उपयोग किया है।
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बता दें श्रीलंका की जीडीपी में पर्यटन एक अहम भूमिका निभाता है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते यहां का पर्यटन ठप्प पड़ गया था। यही वजह है सरकार ने इस म्यूजियम को अभी खोल दिया।