scriptजब स्टीव जॉब्स का ज़िन्दगी जीने का नजरिया एक बाबा ने बदल दिया… | Steve Jobs Visited Karoli Baba In Uttarakhand That Inspired him | Patrika News

जब स्टीव जॉब्स का ज़िन्दगी जीने का नजरिया एक बाबा ने बदल दिया…

Published: Nov 16, 2017 02:30:38 pm

Submitted by:

Ravi Gupta

जीवन का ज्ञान लेने के लिए वे अपने दोस्त के साथ नैनीताल स्थित नीम करौली बाबा के कैंची आश्रम पहुंचे।

Steve Jobs
अगर आपको याद हो, एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स 12 जून 2005 को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में शामिल हुए जहाँ उन्होंने अपने जीवन का सबसे प्रसिद्ध भाषण “Stay Hunger Stay Foolish” दिया। इस स्पीच में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी एक कहानी सुनाई थी।
उन्होंने अपनी कहानी की शुरुआत कहीं और नहीं भारत में बिताये अपने कुछ बेहतरीन पलों से की। अपनी बात में उन्होंने भारत एक बाबा का जिक्र किया।
स्टीव जॉब्स 1974 में भारत अपने कॉलेज के दोस्त डैन कोट्टे के साथ आए थे। स्टीव और उनके दोस्त यहाँ शांति की तलाश में आए और जिस आश्रम में वह दोनों रुके वह आश्रम नीम करौली बाबा का था।

हनुमान भक्त नीम करौली बाबा का जीवन परिचय लोगों के मन में जोश एवं उमंग भर देता है। बाबा को तो कुछ लोग हनुमान जी का साक्षात् अवतार कहते थे।
एक ऐसे ही परम संत थे जो हनुमान जी के परम भक्त थे। उन्होनें बहुत लोगों की निराश जिंदगी को सुधारा था।
फेसबुक तथा एप्पल के संस्थापकों मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा पश्चिमी देशों में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके आश्रम में जहां न केवल देशवासियों को ही बल्कि पूरी दुनिया को प्रसन्न और खुशहाल बनने का रास्ता मिलता है वहीं दूसरी ओर प्राचीन सनातन धर्म की संस्कृति का भी प्रचार प्रसार होता है। हमेशा एक कम्बल ओढ़े रहने वाले बाबा के आशीर्वाद के लिए भारतीयों के साथ साथ बड़ी-बड़ी विदेशी हस्तियां भी उनके आश्रम पर आती हैं। स्टीव जॉब्स बाबा को अपना प्रेरणास्रोत मानते थे।
Baba Karoli
बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में एक ब्रहाम्ण परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। माना जाता है कि बाबा ने लगभग सन् 1900 के आसपास जन्म लिया था और उनका जन्म से ही लक्ष्मी नारायण नाम रख दिया था।
महज 11 वर्ष की उम्र में ही बाबा की शादी करा दी गई थी। बाद में उन्होंने अपने घर को छोड़ दिया था। एक दिन उनके पिताजी ने उन्हें नीम करौली नामक ग्राम के आसपास देख लिया था । यह नीम करौली ग्राम खिमसपुर, फर्रूखाबाद के पास ही था। बाबा को फिर आगे इसी नाम से जाना जाने लगा। माना जाता है कि लगभग 17 वर्ष की उम्र में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी।
baba karoli
नीम करौली बाबा ने 1958 में अपने घर को त्याग दिया था , यह वह समय था जब उनके पास एक 11 साल की कन्या थी और एक छोटा सा बच्चा भी था। गृह-त्याग के बाद बाबा पुरू उत्तर भारत में साधू की भाँति विचरण करने लगे थे। इस समय के दौरान उन्हें लक्ष्मण दास, हांडी वाला बाबा , और तिकोनिया वाला बाबा सहित कई नामों से जाना जाता था। जब उन्होंने गुजरात के ववानिया मोरबी में तप्सया प्रारंभ की तब वहाँ उन्हें लोग तलईया बाबा के नाम से जानते थे।
Baba karoli
वृंदावन में स्थानीय निवासियों ने बाबा को चम्तकारी बाबा के नाम से संबोधित किया। उनके जीवन काल में दो बड़े आश्रमों का निर्माण हुआ था, पहला वृदांवन में और दूसरा कैंची में, जहाँ बाबा गर्मियों के महीनों को बिताते थे। उनके समय में 100 से ज्यादा मंदिरों का निर्माण उनके नाम से हुआ था।
उनके दरबार में भक्तों का तांता लगा ही रहता था। बाबा किसी भी भक्त में भेदभाव नहीं करते थे, चाहें वह भक्त धनवान हो या फिर नितांत गरीब। हम बात कर रहे हैं श्री नीम करौली बाबा की जो साक्षात कलियुग में हनुमान जी के ही अवतार थे।
एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में पैदा हुए थे। कहने को जॉब्स हमारे बीच नहीं है, लेकिन अपने इनोवेशन के जरिए वो आने वाले दशकों तक करोड़ों दिलों में राज करेंगे। कैंसर की बीमारी से पीड़ित जॉब्स की मौत 5 अक्टूबर 2011 को हो गई। कम लोग जानते हैं कि जीवन का ज्ञान उन्हें भारत से मिला था।
Nainital Ashram
दरअसल, साल 1974 में कुछ बड़ा पाने की ख्वाहिश में वे भारत आए थे। जीवन का ज्ञान लेने के लिए वे अपने दोस्त के साथ नैनीताल स्थित नीम करौली बाबा के कैंची आश्रम पहुंचे। अपने चमत्कारों के लिए विश्व विख्यात बाबा के विचारों से वे प्रभावित थे। लेकिन, जब वह भारत पहुंचे तो बाबा की मृत्यु हो चुकी थी। वहां उन्हें ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगी’ नाम की किताब मिली। इस किताब को उन्होंने कई बार पढ़ा। इसी किताब के बारे में स्टीव जॉब्स ने बताया था कि इसने उनके सोचने का नजरिया और विचारों को बदल दिया। एप्पल के लोगो का आइडिया स्टीव को बाबा के आश्रम से ही मिला, कहा जाता है नीम करौली बाबा को सेब बड़े पसंद थे और वह बड़े ही चाव से सेब खाया करते थे, इसी वजह से कहा जाता है के स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगो के लिए एप्पल को चुना।
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