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घर खर्च में मददगार बना बच्चों का बैंक

locationनई दिल्लीPublished: Nov 12, 2016 02:27:00 pm

Submitted by:

rajendra denok

मुसीबत में मिल रहा साथ, गुल्लक तोड़ निकाले छोटे नोट

छोटी-छोटी बचत के कई फायदे हैं।बच्चों को यह खासतौर से समझाया जाता है। जेब खर्च में से बचत करनी चाहिए। इसका महत्व बताते हुए अभिभावक यह जरूर कहते हैं कि मुसीबत में पैसा काम आएगा। जी हां, इन दिनों यह छोटी बचत काम दे रही है।बड़े नोट बंद होने पर रेजगारी और छोटे नोटों की किल्लत है।ऐसे में बच्चों के बचत बैंक (गुल्लक) से राशि ली जा रही है।बच्चों ने तो क्या बड़ों ने भी नहीं सोचा होगा कि यह पैसा इस तरह काम आएगा।
शहर में ब्रह्मपुरी निवासी साक्षी ने बताया कि घर में छोटे नोट नहीं थे और कुछ सामान लाना भी जरूरी था, इसलिए गुल्लक तोड़ दी।आखिर बचत ऐसे दिनों के लिए ही तो की थी।गुल्लक से 1800 रुपए निकले, जिसमें 500 के दो नोट थे।800 रुपए छोटे नोट व चिल्लर के रूप में मिले।राजवीर, ललिता, पिंकी आदि ने भी यही बताया कि गुल्लक से मिले छोटे नोटों ने परिवार की काफी मदद की।
सब्जी, दूध और अन्य छोटी-मोटी जरूरतों के लिए रेजगारी की जरूरत रहती है। कुछ समय पहले तक बड़े नोट देने पर छुट्टे भी मिल जाते थे, लेकिनइन दिनों ऐसा नहीं है।छोटे नोट नहीं होने पर लौटाया जा रहा है। अक्सर बच्चों के पास ज्यादा राशि एकत्र होने पर रेजगारी व छोटे नोटों को बड़ी राशि में बदलने का चलन है। अभिभावक गुल्लक की पूरी बचत दो-चार बड़े नोटों में तब्दील कर वापस दूसरी गुल्लक में डलवा देते हैं।ऐसे गुल्लक जल्द ही तोडऩे पड़ेंगे अन्यथा अवधि निकलने के बाद बचत राशि के नाम पर एकत्र नोट नाकारा हो जाएंगे।
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