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स्वेज नहर में फंसे जहाज को निकालने में मिली सफलता, जानिए विश्व व्यापार पर कितना पड़ रहा था असर

locationनई दिल्लीPublished: Mar 29, 2021 03:47:53 pm

Submitted by:

Anil Kumar

स्वेज नहर में एवर गिवेन ( Ever Given ) नाम का विशाल मालवाहक जहाज बीते मंगलवार को फंस गया था। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह के 4:30 बजे जहाज को बाहर निकाला गया। इस जहाज पर पनामा का राष्ट्रीय ध्वज लगा है।

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Success in evacuating ship stranded in Suez Canal, know how much was impacted on world trade

काहिरा। मिस्र के स्वेज नहर (Suez Canal) में बीते 6 दिनों से फंसे विशालकाय कंटेनर यानी जहाज को आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को निकाल लिया गया। स्वेज नहर में सेवाएं देने वाली एक कंपनी ने बताया है कि स्थानीय समयानुसार सुबह के 4:30 बजे जहाज को बाहर निकाला गया। इसे निकालने के लिए 10 खास नौकाओं को काम में लगाया गया था।

इस मालवाहक जहाज के निकलने से दुनिया ने राहत की सांस ली है। क्योंकि इसके फंसे होने के कारण स्वेज नहर में 280 से अधिक जहाज जाम में फंस गए थे, जिसकी वजह से दुनिया में व्यापक स्तर पर व्यापार प्रभावित होना शुरू हो गया था। यदि कुछ दिन और इस तरह से जहाज फंसे रहता तो यूरोप और एशिया में गैस-तेल व टॉयलेट पेपर जैसी चीजों की किल्लत शुरू हो जाती। बता दें कि यह विशालकाय मालवाहक जहाज पिछले मंगलवार को फंस गया था।

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मालूम हो कि स्वेज नहर में एवर गिवेन ( Ever Given ) नाम का विशाल मालवाहक जहाज फंस गया था। इस जहाज पर पनामा का राष्ट्रीय ध्वज लगा है। यह जहाज एशिया और यूरोप के बीच माल स्पलाई करने का काम करता है। इस जहाज के फंसने की वजह से विश्व व्यापार पर इसका प्रभाव पड़ना शुरू हो गया था। कोरोना महामारी की वजह से पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रही दुनिया के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो सकती थी।

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हर दिन हो रहा था 9 अरब डॉलर का नुकसान

बता दें कि स्वेज नहर में मालवाहक जहाज के फंसने की वजह से विश्व व्यापार पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ना शुरू हो या गया था। इस नहर के माध्यम से हर दिन अरबों डॉलर का व्यापार होता है। यदि कुछ दिन और यह जहाज फंसा रहता तो विश्व व्यापार को भारी नुकसान पहुंचता। इसका असर भी 6 दिनों के अंदर दिखने लगा था।

टॉयलेट पेपर बनाने वाली कंपनी सुजानो एसए ने दुनिया को चेतावनी भी दी थी कि यदि जल्द से जल्द जहाज को बाहर नहीं निकाला गया और ट्रैफिक क्लियर नहीं किया गया तो दुनिया में टॉयलेट पेपर का संकट पैदा हो सकता है। इतना ही नहीं, इस जहाज के फंसने की वजह से हर दिन 9 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा था। चूंकि स्वेज नहर के जरिए प्रतिदिन 9 अरब डॉलर का व्यापार होता है।

कैसे फंसा था जहाज?

आपको बता दें कि बीते मंगलवार को यह जहाज स्वेज नहर में फंस गया था। यह नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ता है। शुरूआती जानकारी के बाद बताया गया था कि यह कंटेनर जब लाल सागर पार कर स्वेज नहर में प्रवेश किया तब तेज हवा का सामना करना पड़ा। इसके कारण जहाज पानी में ही फंस गया। हालांकि, स्वेज नहर प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा है कि जहाज ‘एवर गिवन’ के फंसने की एकमात्र वजह तेज हवा नहीं है।

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शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल ओसामा राबेई ने कहा था कि जांच चल रही है लेकिन उन्होंने मानवीय या तकनीकी खामी की आशंका से इनकार नहीं किया था।

मालूम हो कि स्वेज नहर की लंबाई 193.3 किलोमीटर है। यह दुनिया के सबसे व्यस्तम जलमार्ग में से एक है। इसके जरिए दुनिया के 12 फीसदी सामानों की ढुलाई की जाती है। इस नहर की अहमियत इससे समझी जा सकती है कि एशिया और यूरोप के बीच व्यापार करने के लिए जहाजों को अफ्रीका घूमकर जाना पड़ता था। ऐसे में समय व आर्थिक खर्च अधिक बढ़ जाता था। जिससे उत्पादों की कीमत भी बढ़ जाती थी। पिछले साल इस नहर से 19 हजार जहाजों का आवागमन हुआ था।

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