ट्रंप को पीछे छोड़ दुनिया के सबसे पॉपुलर लीडर बने पीएम नरेंद्र मोदी, फेसबुक ने जारी की सूची सेना के मुख्यालय पर प्रदर्शन करते रहे लोग तख़्तापलट के बाद सेना ने देश में आपातकाल घोषित करने के साथ ही रातोंरात कर्फ़्यू भी लगा दिया था, लेकिन कर्फ़्यू के बावजूद लोग सूडान की राजधानी ख़ार्तूम में सेना के मुख्यालय पर प्रदर्शन करते रहे। दरअसल तख़्तापलट के बाद अवाद ने कहा था कि सेना दो साल बाद चुनाव कराने पर विचार कर रही है। चुनाव से पहले तक सूडान की कमान सेना के हाथ में रहेगी। इस बात को लेकर सूडान की आम जनता भड़क गई। लोगों का कहना है कि वो देश में नागरिक शासन चाहते हैं, न कि सैन्य शासन।
सेना क़ानून-व्यवस्था भंग नहीं होने देगी वहीं सेना ने साफ़ कह दिया है कि वो किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगी। शुक्रवार को मिलिट्री काउंसिल के एक प्रवक्ता के अनुसार सेना सूडान की सत्ता नहीं चाहती और देश का भविष्य प्रदर्शनकारी ही तय करेंगे। हालांकि, प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सेना क़ानून-व्यवस्था भंग नहीं होने देगी और न ही किसी तरह की अशांति को बर्दाश्त करेगी। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति उमर अल बशीर और रक्षामंत्री अवाद इब्न औफ़ के इस्तीफ़े को अपनी जीत मान रहे हैं।
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