सूडान संकट: पूर्व राष्ट्रपति उमर अल बशीर को भेजा गया जेल, तख्तापलट कर किया गया था अपदस्थ
बता दें कि अप्रैल में बशीर की सत्ता के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए और फिर तख्तापलट कर उन्हें जेल भेज दिया गया था। बशीर पर सत्ता में रहते हुए विदेशी धन को अवैध तरीके से हासिल करने और उसके इस्तेमाल का आरोप है।
बशीर के तख्तापलट के बाद सूडान के प्रदर्शनकारी नेता और सैन्य शासक एक संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशासक परिषद के गठन के लिए सहमत हो गए थे। इसी समझौते के तहत नए मंत्रिमंडल का गठन किया गया है।
हर तीन साल में होगा आम चुनाव
नए मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही यह तय किया गया है कि हर तीन साल में आम चुनाव कराए जाएंगे। इस नए सरकार में एक संयुक्त सैन्य-नागरिक परिषद और एक विधायी निकाय भी शामिल है।
तीन महीने के अंदर संयुक्त सैन्य-नागरिक परिषद और एक विधायी निकाय का भी गठन कर लिया जाएगा। ये तीनों निकाय मिलकर 3 साल के लिए सूडान की सत्ता को संभालेंगे। इसके बाद आम चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव के द्वारा ही प्रतिनिधियों का चयन होगा।
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सूचना मंत्री फैजल मोहम्मद शाह ने कहा, ‘हमें अपने देश के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी।’ सूडान के नए प्रधानमंत्री अब्दाल्ला हमदोक ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना हमारी प्राथमिकता है।
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