इस जहाज के अटकने की वजह से स्वेज नहर में बीते एक सप्ताह से कम से कम 367 जहाज फंस गए थे और इंतजार कर रहे थे कि कब उनके आगे बढ़ने के लिए रास्ता खुलेगा। इन जहाजों में क्रूड ऑय़ल से लेकर मवेशियों के खाने तक का सामान जा रहा था। आइए जानते हैं कि इतना बड़ा विशालकाय जहाज आखिर कैसे फंस गया था और अब कैसे निकाला गया..
इस वजह से फंस गया था जहाज
जानकारी के मुताबिक, यह विशालकाय जहाज चीन से नीदरलैंड्स के पोर्ट रोटेरडम जा रहा था। जब यह जहाज लाल सागर को पार कर स्वेज नहर में प्रवेश किया तब हवा के तेज बहाव की वजह से जहाज घूम गया और अटक गया। जहाज के दोनों छोर नहर के एक-दूसरे किनारे तक पहुंच गया और नहर का रास्ता पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।
स्वेज नहर में फंसे जहाज को निकालने में मिली सफलता, जानिए विश्व व्यापार पर कितना पड़ रहा था असर
मिस्र के अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए बताया कि तेज हवा की वजह से जहाज घूम गया और अटक गया था। अधिकारियों ने बताया कि जिस दिन (23 मार्च, मंगलवार) को यह जहाज नहर में फंसा था उस दिन 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी।
इस तरह से निकाला गया जहाज
मालूम हो कि ‘एमवी एवर गिवेन’ जहाज दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक जहाज है। इस जहाज को निकालने के लिए 10 टगबोट्स की सहायता ली गई। पहले 8 टगबोट्स को लगाया गया था, लेकिन फिर जब सफलता नहीं मिली तब दो और टगबोट्स को लगाया गया।
सोमवार सुबह तक इन टगबोट्स की मदद से जहाज को 80 फीसदी तक सीधा कर लिया गया था। इस जहाज को सीधा करने में इस वजह से परेशानी आ रही थी क्योंकि इसके उपर 2.20 लाख टन से अधिक भार का सामान लदा हुआ था। बता दें कि जिस तरह से किसी गाड़ी को खींचकर ले जाने के लिए टॉइंग वैन होती है, उसी तरह से जहाजों को खींचकर ले जाने के लिए टगबोट्स होते हैं।
2018 में बना था यह जहाज
बता दें कि एमवी एवर गिवेन जहाज पनामा का है। इसे 2018 में बनाया गया था। ये दुनिया की सबसे बड़ी कार्गो शिप है। इस जहाज का आकार 400 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा है। इसमें एक बार में 20 हजार से अधिक कंटेनर ले जाए जा सकते हैं। चार फुटबॉल ग्राउंड के आकार जितना बड़ा ये विशालकाय जहाज पिछले सप्ताह मंगलवार को स्वेज नहर में फंस गया था।
स्वेज नहर में लगे जाम में 280 जहाज फंसे, यूरोप-एशिया में मंडराया बड़ा संकट
मालूम हो कि स्वेज नहर से हर दिन करीब 50 जहाज गुजरते हैं। पिछले साल 19 हजार जहाजों का आवागमन हुआ था। वैश्विक कारोबार की दृष्टि से यह नहर काफी महत्वपूर्ण है। दुनिया का करीब 10-12 फीसदी व्यापार इसी जलमार्ग से होता है। एशिया और यूरोप के बीच व्यापार को आसान बनाने में स्वेज नहर काफी महत्वपूर्ण है। इस नजर को 1869 में खोला गया था, जो भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ता है। इस नहर की लंबाई 193 किलोमीटर है।