सितंबर तक स्थगित की सजा पूर्वोत्तर राज्य तेरेन्गानु में जोड़े को बेंत मारे जाने थे,लेकिन कुछ कारणों से इसे तीन सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अभी इस पर अदालत के अधिकारियों से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकती है। एमनेस्टी की मलयेशियाई निदेशक ग्वेन ली ने मलयेशिया के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सिर्फ देरी पर्याप्त नहीं है। ली ने एक बयान में कहा,हमें खुशी है कि इन दो महिलाओं को मिली क्रूर और अन्यायपूर्ण सजा पूरी नहीं हो पायी। उन्होंने कहा,सिर्फ देरी पर्याप्त नहीं है। दोनों महिलाओं को मिली सजा तुरंत बिना किसी शर्त के रद्द कर दी जानी चाहिए। इस अन्याय को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाना चाहिए।
ब्रिटिश काल से हो रहा भेदभाव मलेशिया में लेस्बियन को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मलेशिया पहले ब्रिटेन का साम्राज्य था। उस समय से यहां पर लेस्बियन को गैरकानूनी कहा जाता है। मुस्लिम बहुल होने के कारण यहां के समलैंगिग को अपराध की संज्ञा में देखा जाता है। ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि समलैंगिग लोगों से इस कदर का भेदभाव मानवता के खिलाफ है। उनकों सजा के रूप में बेंत की सजा दी जाती है और समाज से बहिष्कार कर दिया जाता है। उन्हें सार्वजनिक बेंत मारे जाते हैं ताकि कोई इस तरह की हिमाकत न कर सके।