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तालिबान ने अशरफ गनी, सालेह सहित सबको दी ‘आम माफी’, कहा- वापिस देश लौट सकते हैं

Published: Aug 23, 2021 12:01:41 pm

एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में तालिबान नेता खलिल उर रहमान हक्कानी ने कहा कि हमारी इन तीनों से ही कोई दुश्मनी नहीं है। हमारी दुश्मनी का आधार केवल धार्मिक था। हमने अशरफ गनी, सालेह और मोहिब को माफ कर दिया है।

Ashraf Ghani

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान में एक बड़े परिवर्तन का संकेत देते हुए तालिबान ने देश के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी, पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्‍लाह मोहिब को ‘आम माफी’ देने की घोषणा की है। तालिबान ने कहा है कि ये दोनों नेता काबुल लौट सकते हैं। ये दोनों ही नेता तालिबान के काबुल पहुंचने से पहले ही देश छोड़कर चले गए थे।
पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में तालिबान नेता खलिल उर रहमान हक्कानी ने कहा कि हमारी इन तीनों से ही कोई दुश्मनी नहीं है। हमारी दुश्मनी का आधार केवल धार्मिक था। हमने अशरफ गनी, सालेह और मोहिब को माफ कर दिया है। अपने इंटरव्यू में हक्कानी ने कहा कि हमने सभी को माफ कर दिया है फिर चाहे वो आम नागरिक हों या फिर हमारे खिलाफ जंग लगने वाले नेता।
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हक्कानी ने देशवासियों से देश छोड़कर नहीं जाने की अपील करते हुए कहा कि हमारे दुश्मन प्रचार कर रहे हैं कि तालिबान उनसे बदला लेगा, यह गलत है। सभी अफगान हमारे भाई हैं। हमारी दुश्मनी की एकमात्र वजह धार्मिक सिस्टम को लेकर थी जो अब बदल चुका है। ऐसे में सभी लोग वापिस देश लौट सकते हैं।
हक्कानी ने अपने इंटरव्यू में दुश्मनों के खिलाफ बड़ी जीत हासिल करने का दावा करते हुए कहा कि तालिबान ने अमरीका के खिलाफ लड़ाई नहीं छेड़ी थी वरन अमरीका ने हम पर हमला किया और हमने अपने देश की संस्कृति, धर्म और देश को बचाने के लिए जंग लड़ी और जीती।
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हक्कानी ने कहा कि दुनिया भर के सभी मुस्लिम देश एक-दूसरे के साथ जुड़ें। अफगानिस्तान में बनने वाली सरकार को लेकर कहा कि बहुत ही पढ़े-लिखे और काबिल लोग अफगानिस्तान में सरकार बनाएंगे। सरकार में सभी समूहों को शामिल किया जाएगा। हमने अमरीका समर्थित अफगान सेना को हराया है।
तालिबान के इस ह्रदय परिवर्तन को लेकर दुनिया भर में भारी संशय है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के प्रति बढ़ते विरोध और पंजशेर में तालिबान के खिलाफ एकजुट हो रहे विद्रोही गुटों के रवैये को देखते हुए तालिबान ने यह प्रस्ताव किया है।
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