अब पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान सरकार अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट को चलाने के लिए नए तरीके से पैसों का इंतजाम करेगी। इसके लिए कर अधिकारियों ने रास्ता खोजा है। सात दशकों में पहली बार बीते साल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट में निवेश करने पर सरकार टैक्स चोरी करने वालों को माफ करने को तैयार है।
56 फीसदी कालेधन पर खड़ी है पाकिस्तान की 278 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था
पड़ोसी देश पाकिस्तान में पूरे देश की महज 1 फीसदी आबादी ही टैक्स भरती है। सरकार ने अब टैक्स चोरी रखने वालों से यह पैसा निकलवाने के लिए उन्हें पाकिस्तान की आवासीय योजनाओं में निवेश करने का लालच दिया है। बदले में वे इन एक फीसदी लोगों की टैक्स चोरी को नजरअंदाज करने को भी तैयार हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के तहत 31 दिसंबर तक ‘नया पाकिस्तान हाउसिंग प्रोग्राम’ जैसी परियोजनाओं में निवेश का आग्रह किया है।
देश की अर्थव्यवस्था का 56 प्रतिशत काला धन गौरतलब है कि कोरोनोवायरस महामारी (Covid-19) के बीच राजस्व संग्रह धीमा होने के बाद इमरान खान सरकार की नजर ऐसी अवैध संपत्तियों और काले धन का दोहन कर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। एक अनुमान के अनुसार देश की 278 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का 56 फीसदी हिस्सा यह काला धन और अवैध संपत्ति ही है। इस वर्ष सरकार ने विकास खर्च के बजट में कटौती की और बेलआउट फंड एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से आपातकालीन ऋण लेने के बाद धन जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीयसमुदाय की तरफकम ही हाथ फैलाए हैं। सरकार का मानना है कि टैक्स चोरी करने वालों को माफ करने से आवश्यक मस्टर फंड को राहत मिल सकती है।
पहले भी माफ़ किया टैक्स चोरों को सूचना और प्रसारण मंत्री शिबली फराज के अनुसार, सरकार इस साल 400 बिलियन डॉलर के निर्माण कार्य की शुरुआत करेगी। इससे पहले भी सरकार टैक्स चोरों को माफ कर चुकी है। पिछली चार पाकिस्तानी सरकारों ने अपने कार्यकाल में कम से कम एक बार टैक्स चोरों को माफ करने की घोषणा की है। फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अनुसार, अगर कर चोरी (Tax Cheaters) करने वाले लोग 31 दिसंबर तक पाकिस्तान सरकार की Naya Pakistan Housing Program जैसी परियोजनाओं में अपने काले धन का निवेश करते हैं, तो टैक्स अधिकारी उन्हें माफ कर देंगे. हालांकि किसी भी सरकार को इसका बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिल सका।
रियल एस्टेट के लिए पहला प्रयास प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से रियल एस्टेट क्षेत्र को मंदी से उबारने के लिएयह पहला ‘एमनेस्टी प्रोग्राम’ (टैक्स माफी परियोजना) है। जून में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 0.4 फीसदी के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को भुनाने के लिए पुंड की व्यवस्था करने के लिए ऐसे प्रोग्राम पाकिस्तान की मजबूरी बन गए हैं। गौरतलब है कि एशिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित यह देश लॉकडाउन के बाद टिड्डियों के हमले और चरमराई स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए परेशान है।
1.5 करोड़ घर की जरूरत सालाना एसोसिएशन ऑफ बिल्डर्स एंड डवलपर्स ऑफ पाकिस्तान के पूर्व अध्यक्ष आरिफ यूसुफ जियावा के मुताबिक, देश में हर साल 1.5 करोड़ (15 मिलियन) घरों की तत्काल मांग है जिसमें हर साल 5 लाख (हाफ मिलियन) की वृद्धि हो जाती है। खान अपने महत्त्वकांक्षी ‘नया पाकिस्तान हाउसिंग प्रोग्राम’ के तहत हर साल 10 लाख घर बनाने का लक्ष्य तय कर चुके हैं। निवेशकों को एमनेस्टी का लाभ लेने के लिए उन्हें पंजीकरण कराना होगा जो इस सप्ताह शुरू हुआ है।