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एक शिक्षिका जिसने किया ऐसा काम, की एक ही दिन में बन गई 16 बच्चों की मां

locationनई दिल्लीPublished: Jan 16, 2018 10:55:55 am

Submitted by:

Priya Singh

क्या हो जब ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को ममता का भी स्पर्श मिले

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नई दिल्ली। शिक्षक ही हमारे जीवन की नीव रखता है और तब तो सोने पर सुहागा हो जाता है जब शिक्षक एक महिला हो। तब ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को ममता का भी स्पर्श मिलता है। एक आदर्श शिक्षक के वो काम जो छात्र के हित और संरक्षण में किए जाते हैं उनका काम सम्मान के काबिल होता है। फिलीपींस में एक वाक्या हुआ जब वहां बाढ़ आई थी एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षका ने अपने छात्रों के लिए कुछ ऐसा काम किया जिससे सोशल मीडिया यूजर्स की ओर से उन्हें खासी सराहना मिली और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनके जज़्बे को सलाम किया। उन्होंने बाढ़ के दौरान अपने छात्रों की सहायता में उन्हें अपनी पीठ पर बिठाकर स्कूल से बाहर पहुंचाया।
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दगुपन शेहेर में बसे वेस्ट सेंट्रल वन एलिमेंट्री स्कूल की शिक्षिका लियोनोरा फर्नांडीज जब अपने छात्रों को बाढ़ के समय स्कूल से सुरक्षित बाहर पहुंचा रही थी उसी समय किसी ने उनकी तस्वीर ले ली। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया और ये पोस्ट वायरल हो गई और नेटिजेंस ने उनकी जमकर तारीफ की और उनके काम की सराहना भी की।
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एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा मैं मानता हूं कि ‘वे अपने छात्रों के लिए न सिर्फ शिक्षिका हैं बल्कि वे उनके लिए एक मां जैसी हैं’। आपके द्वारा किया गया यह काम सम्मान करने योग्य है। एक दूसरे यूज़र ने लिखा ‘आपको सैल्यूट मैम’। आप उन बच्चों के लिए सिर्फ एक शिक्षिका नहीं हैं बल्कि एक ऐसी मां हैं जो अपने बच्चों का पूरा ख्याल रखती हैं और उन्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकती हैं। एक न्यूज़ चैनल के साथ एक इंटरव्यू में फर्नांडीज ने कहा, ‘मेरी कक्षा में कुल 21 विद्दार्थी हैं। जब बाढ़ का पानी स्कूल के दरवाजे से लेकर क्लास रूम तक पहुंच गया तो मैं एक के बाद एक 16 छात्रों को अपने पीठ पर उठाकर गेट तक ले गई जहां उनके माता-पिता उनको ले जाने के लिए खड़े थे।’
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फर्नांडीज बताती हैं की ‘वे अपने छात्रों को सिर्फ इसलिए अपनी पीठ पर उठाकर गेट तक ले गईं क्योंकि उनके पास बारिश वाले जूते नहीं थे। स्कूल की प्रिंसिपल वेलेंटीना हॉर्टलाजा ने भी फर्नांडीज के इस नेक काम की सराहना की उन्होंने बताया कि ज्यादातर शिक्षक अपने छात्र के लिए सहानभूति व्यक्त करते हैं, चूकि वे गरीब परिवार से हैं इसिलिए बारिश वाले जूते नहीं खरीद पाते। हॉर्टलाजा ने कहा कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो अपने छात्रों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, यहां तक की अगर पानी में भींगकर उन्हें बाढ़ में कूदना पड़े तो वो भी कर गुजरेंगे।
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