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29 साल में तीन गुना बढ़ गई गर्मी, ग्लेशियर पिघलने से दक्षिणी ध्रुुव का हुआ बुरा हाल

Published: Jul 02, 2020 02:23:32 pm

Submitted by:

Soma Roy

Temperature Increased : मौसम में हो रहे बदलाव और तापमान के बढ़ने की वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने 1989 से 2018 तक के आंकड़ों का अध्ययन किया
शोधकर्ताओं के अनुसार दक्षिणी ध्रुव का तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है

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Temperature Increased

नई दिल्ली। प्राकृतिक संसाधनों के दुर्पयोग से ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) का खतरा बढ़ने लगा है। मौसम में हो रहे लगातार उतार-चढ़ाव इसी बदलाव की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। उनके मुताबिक धरती, वायु और समुद्र सबका तापमान बढ़ रहा है। बाकी दुनिया की तुलना में दक्षिणी ध्रुव (South Pole) का टेम्परेचर (Temperature Hike) तीन गुना ज्यादा बढ़ा है। क्योंकि यहां मौजूद ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इस बात का खुलास 29 साल के अध्ययन के जरिए हुआ।
साल 1989 से 2018 के बीच हुई स्टडी में पता चला कि दक्षिणी ध्रुव का तापमान इन 29 साल में 1.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। जो बाकी दुनिया के तापमान के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। अध्ययन में यह भी पता चला कि अंटार्कटिका के बर्फीले पठारों पर तापमान गर्मियों में वैसे तो माइनस 20 डिग्री और सर्दियों में माइनस 60 डिग्री तक जाता है। मगर 20वीं सदी के आखिर से ये गर्म होना शुरू हो गया।
दक्षिणी ध्रुव पर स्थित पश्चिमी अंटार्कटिका का हिस्सा तेजी से गर्म हुआ है।यहां से कई ग्लेशियर पिघलकर समुद्र में बह गए हैं। हालांकि पूर्वी अंटार्कटिका का हिस्सा अब भी ठंडा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अंटार्कटिका के अलग-अलग हिस्सों के तापमान में अंतर होना उनके आसपास के समुद्री इलाकों पर बहने वाली हवाओं की वजह से हैं। इनमें प्रदूषण भी एक कारण है। दक्षिणी ध्रुव के टेम्परेचर पर होने वाले इन बदलावों पर वेलिंग्टन स्थित विक्टोरिया यूनिवर्सिटी की रिसर्चर काइली क्लेम और उनकी टीम ने 200 सिमुलेशन मॉडल तैयार किए हैं। जिसमें बताया गया कि कैसे साल 1989 से 2018 तक 29 वर्षों में ग्रीनहाउस गैसों की वजह से तापमान में 1 से 1.8 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है।

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