केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को बताया कलंक, कहा- जनता उन्हें गंभीर नेता नहीं मानती गांधी जी का पत्र बेसेंट के नाम पोस्टकार्ड के लिए लगाई जाने वाली बोली 13 जून को खत्म हुई। बापू ने बेंसेंट को भेजे गए इस पोस्टकार्ड पर लिखा,‘मैं आपके पत्र के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। जमनादास ने मुझे आपके द्वारा भेजे गए खद्दर की तौलिया दे दिया है। मैं इस उपहार को सुरक्षित रखूंगा।‘ उन्होंने आगे लिखा है,‘मैंने पहले ही सेक्रेटरी से बेल्जियम में आपके ठहरने की व्यवस्था को लेकर बात कर ली है। सेक्रेटरी का नाम गंगाधरराव देशपांडे बेलगाम है। मुझे पता है कि गंगाधरराव देशपांडे आपको सुविधाजनक आराम देने को लेकर उत्सुक हैं।’
बेहतरीन लेखिका थीं एनी बेसेंट एनी बेसेंट समाज सुधारक के साथ एक अच्छी लेखिका भी थी। उन्होंने कई किताबे लिखीं। उन्हें भगवद्गीता से काफी लगाव था। इसका उन्होंने अंग्रेजी-अनुवाद भी किया था। उन्होंने भारतीय संस्कृति,शिक्षा व सामाजिक सुधारों पर 48 ग्रंथों और संदेशों की रचना की। भारतीय राजनीति पर लगभग 77 पुस्तकें लिखीं। समय-समय पर ‘लूसिफेर’,’द कामनवील’ और ‘न्यू इंडिया’ के संपादन भी एनी बेसेन्ट ने किये। 20 सितंबर 1933 को मद्रास में एनी बेसेंट का देहांत हो गया। उनकी इच्छा के अनुसार उनकी अस्थियों को बनारस में गंगा में प्रवाहित कर दिया गया।