scriptजीने की चाह ऐसी की मर कर जिंदा हुई ये बच्ची, इश्वर का था सिर पर हाथ | this baby was no able to breath for 22 mints after birth | Patrika News

जीने की चाह ऐसी की मर कर जिंदा हुई ये बच्ची, इश्वर का था सिर पर हाथ

locationनई दिल्लीPublished: Jan 17, 2018 09:26:21 am

Submitted by:

Priya Singh

आधे घंटे के लिए थम गई थी नवजात की सांसे

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नई दिल्ली। आधे घंटे के लिए थम गई थी नवजात की सांसे चिकित्सकों ने की कड़ी मशक्कत फिर बचा सके उसकी जान। ये जादू नहीं तो और क्या है जब एक बच्ची अपने तय किये गए समय से काफी देर बाद पैदा हुई और बस इतना ही नहीं वो 20 मिनट से अधिक समय तक सांस नहीं ले रही थी, चिकित्सकों की टीम ने उसे फिर से जिंदा करने के लिए करने के लिए कड़ी मेहनत की। ब्रिटेन के एसेक्स की 34 वर्षीय रेचेल नोरी की प्रसव का तय समय पूरा कर चुकी लेकिन बच्ची के जन्म में दो सप्ताह की देरी हो गई थी। जब वह अस्पताल में प्रसव पीड़ा का इंतज़ार कर रही थी, उन्हें भारी रक्तस्त्राव होने लगा।
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उनके गर्भाशय की दीवार से गर्भनाल के अलग होने की वजह से रक्तस्त्राव होने लगा इसी वजह से बच्ची की जन्म प्रक्रिया के लिए एक आपातकाल सीजेरियन सेक्शन किया गया। लेकिन जन्म के 22 मिनट बाद तक बच्ची मटिल्डा ने सांस नहीं ली। चिकित्सक उसे पुनर्जीवित करने में सक्षम रहें और उसके जन्म के पांच घंटे बाद उसे दूसरे अस्पताल में रिफर कर दिया।
तीन दिनों बाद, चिकित्सकों ने परिजनों से कहा की वो किसी बुरी खबर के लिए तैयार हो जाएं लेकिन प्यार सी बच्ची की कुछ और ही योजना थी और अपनी नन्हीं बच्ची की चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ को देखकर आश्चर्यचकित थे। उधर बच्ची की मां कहती हैं कि, ‘यह एक चमत्कार था और अगले कई दिनों से हम जो देख रहे थे उस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे’। ऐसा लग रहा ता जैसे वह हर घंटे जिंदगी की तरफ बढ़ रही हो और इसे देखकर डोक्टर भी अचंभित थे।’
उन्होंने फिर बताया कि, ‘डॉक्टर ने खुद हम से कहा कि हम कितने खुश किस्मत हैं, जिस तरह की परिस्थिति बनी थी उससे कुछ बुरा होने की ही स्मभावाना ही की जा सकती थी लेकिन कैसे हमारी बेटी मटिल्डा हुई इसका तो बस इश्वर ही जवाब दे सकते हैं। यह भी आश्चर्य की बात है कि वह बहुत ही जल्द इतनी स्वस्थ हो गई कि हम घर जाने के बारे में बात करने लगे।’
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जो परिस्थिति बनी थी उसकी वजह से उन्हें पूरे एक महीने से ज्यादा तक अस्पताल में रहना पड़ा, आखिरकार मटिल्डा को घर जाने की अनुमति मिली। वह अब बिल्कुल अच्छी है, पूरी तरह से स्वस्थ है, सभी को लगा कि कोशिश करते रहना चाहिए और वे कोशिश करते रहें, और शायद उसके सिर पर भगवान का ही हाथ होगा जो इतनी नन्ही सी बच्ची इतने मुश्किल हालत में बच पाई।
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