1947 के लिए अमृत कौर को और 1976 के लिए इंदिरा गांधी को सम्मान
टाइम मैगजीन ने 1947 के लिए अमृत कौर को और 1976 के लिए इंदिरा गांधी को ‘वुमेन ऑफ द ईयर’ के सम्मान से नवाजा है। मैगजीन ने इंदिरा गांधी की तारीफ में लिखा है कि वह भारत की महान प्रशासक साबित हुई थी। टाइम ने लिखा,’भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुत्री इंदिरा एक करिश्माई और सख्त व्यक्तित्व वाली महिला थीं।’
अमृता कौर की भूमिका की तारीफ
अमृता कौर के बारे में टाइम ने लिखा कि ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करके भारत लौटी थीं। इसके बाद वो महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया। कपूरथला के शाही परिवार में जन्मीं अमृता 1947 में आजादी के बाद वह मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर की स्थापना की थी। इसके साथ ही देश के बड़े अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में भी अमृता का अहम योगदान रहा था।
क्यों किया ‘वुमेन ऑफ द ईयर’ का ऐलान?
टाइम मैगजीन ने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने इस बार ‘वुमेन ऑफ द ईयर’ का ऐलान करने का फैसला क्यों किया? मैगजीन ने लिखा कि 72 साल तक ‘मैन ऑफ द ईयर’ की सूची बनाई थी। इसके बाद 1999 में समानता दर्शाने के लिए इसके टाइटल को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ नाम दिया गया। हालांकि, तब से अब तक ज्यादातर पुरुषों ने ही यह टाइटल जीता है। इसको देखते हुए इस बार 100 ‘वुमेन ऑफ द ईयर’ नामों की घोषणा का फैसला लिया गया, जिससे उन महिलाओं को सम्मान मिले, जिनकी अब तक अनदेखी होती रही है। इस प्रोजेक्ट के लिए मैगजीन ने 89 नए कवर डिजाइन कराए हैं।
600 से ज्यादा नामांकनों में से 100 के नाम पर मुहर
मैगजीन ने कई महीने की प्रक्रिया के बाद 600 से ज्यादा नामांकनों में से 100 महिलाओं को चुना। डिजाइनर कोको चैनल, महारानी एलिजाबेथ, अभिनेत्री मर्लिन मुनरो, राजकुमार डायना, चीन की फार्मास्युटिकल केमिस्ट तु यूयू, लेखिका वर्जीनिया वुफ, मिशेल ओबामा और यूएन की रिफ्यूजी एजेंसी की अगुआई करने वाली पहली महिला व इकलौती जापानी नागरिक सडाको ओगाता जैसी हस्तियों और प्रभावशाली महिलाओं ने इस सूची में जगह बनाई है।