
कोरोना वायरस का इलाज करते डॉक्टर।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इस समय करीब 192 सदस्य देश इसकी गिरफ्त में हैं। अब तक पूरी दुनिया में इसके 722196 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इसकी वजह से पूरी दुनिया में 33976 लोगों की मौत हो चुकी है और 151766 मरीज सही भी हुए है।
गौरतलब है कि इस वायरस का जन्म चीन के वुहान से शुरू हुआ था और यहां से इसने दक्षिण कोरिया में जबरदस्त तबाही मचाई। इसके बाद ये अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। जहां तक दक्षिण कोरिया की बात है तो आपको बता दें कि यहां पर 9661 लोग अब भी इस वायरस से संक्रमित हैं। अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
बीते 24 घंटों में यहां पर 78 मामले सामने आ चुके हैं। मगर जिस तेजी से यहां पर इसके मामले सामने आए थे उस हिसाब से दक्षिण कोरिया ने अपने यहां पर बेहद सूझबूझ का परिचय दिया और कोरोना वायरस पर काफी हद तक काबू पाया।
दक्षिण कोरिया ने इस वायरस काबू पाने के लिए ट्रिपल टी फार्मूले पर काम किया। इसमें पहले मरीज की पहचान, फिर उसकी जांच और फिर इलाज शामिल था। अंग्रेजी में कहें तो इसको Trace-Test-Treat कहा जाएगा।
गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया में यह वायरस एक महिला के जरिए आया था। 20 जनवरी का दिन था। एक महिला को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। ये महिला कुछ समय पहले ही वुहान से वापस आई थी। इसके बाद यहां पर बड़ी तेजी से वायरस फैला। दरअसल ये महिला शिंकान्जी चर्च में गई थी। इसने प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया था। इस प्राथना सभा में आए लोग महिला के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हो गए।
मामला सामने आते ही मरीज की लोकेशन को ट्रेस किया गया। प्रशासन ने सबसे पहले इस चर्च के सभी दो लाख सदस्यों की सूची हासिल की। सभी की जांच की गई। इस दौरान सभी को क्वारंटाइन किया गया और जो इस जांच के बाद संक्रमित पाए गए उनका पूरा इलाज किया गया।
प्रशासन ने मिलकर क्वारंटाइन का कड़ाई से पालन करवाया। देश में इसके लिए नए नियम बनाए गए। इन नियमों को तोड़ने पर भारी जुर्माने रखा गया। ये जुर्माना दो लाख से सात लाख तक कर दिया गया। एक साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया। ट्रिपल टी के फार्मूले की मदद से दक्षिण कोरिया में इस वायरस के मरीजों की संख्या को बढ़ने से रोकने में मदद मिली।
Updated on:
31 Mar 2020 12:44 pm
Published on:
30 Mar 2020 07:19 pm
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