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ट्रंप ने मोदी को कहा – Thank You, मोदी बोले – कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे जंग

एंटी मलेरिया दवा के निर्यात पर भारत के प्रतिबंध से ट्रंप नाराज़ थे
ट्रंप ने कहा अमरीका को दवा का निर्यात करे भारत, वरना बदला लेंगे
ट्रंप ने कहा – मोदी ग्रेट, मोदी बोले, कोरोना से मिलकर लड़ेंगे जंग

Apr 10, 2020 / 08:02 am

Manoj Sharma

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दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस ( coronavirus ) पर रोज़ाना होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने हमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ( hydroxychloroquine ) दी, जिसके लिए हमने भारत सरकार से अनुरोध किया था।’ पीएम मोदी ने भी ट्रंप को जवाब देते हुए कहा है, ‘हम मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ेंगे।’
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के अमरीका को निर्यात की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुक्तकंठ से तारीफ की। ट्रंप ने कहा कि महामारी जैसे गंभीर संकट के दौरान पीएम मोदी के मज़बूत नेतृत्व में भारत ने अमरीका की जो मदद की है, उसे भुलाया नहीं जाएगा। उधर, पीएम मोदी ने भी कहा कि अमरीका और भारत कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर युद्ध लड़ेंगे।
ट्रंप ने दवा निर्यात न करने पर भारत को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी

ट्रंप का मानना है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन नाम की दवा कोरोना वायरस के इलाज में कारगर साबितहो सकती है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री ( Indian Prime Minister ) का ऐसे समय में धन्यवाद किया है, जब एंटी मलेरिया दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध भारत और अमरीका के संबंधों के ख़राब होने की वजह बन सकता था। दरअसल भारत के एंटी मलेरिया दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से ट्रंप नाराज़हो गए थे। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर भारत ने अमरीका को ये दवा निर्यात नहीं की, तो उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
ट्रंप के धन्यवाद कहने से विवाद हुआ खत्म

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर भारत सरकार के प्रतिबंध लगाने से ट्रंप नाराज़ हो गए थे। इसकी वजह यह है कि अमरीका में इस एंटी मलेरिया दवा को कोरोना वायरस के संभावित इलाज की तरह देखा जा रहा है। ट्रंप के मोदी को धन्यवाद कहते ही विवाद खत्म हो गया।
COVID-19 से दुनिया में सबसे ज्यादा त्रस्त अमरीका

चीन के वुहान से शुरु हुई महामारी ने पहले इटली, फ़्रांस औऱ स्पेन में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई और अब दुनिया की एकमात्र सुपर पॉवर उसके निशाने पर है। बताया जाता है कि अब तक क़रीब साढ़े चार लाख अमरीकी नागरिक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। हज़ारों लोगों की जान इस भयानक वायरस ने ले ली है। यही वजह है कि अमरीकी वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदाय जल्द से जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन या दवा की खोज करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
अमरीका के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ही इतनी जरूरी क्यों?

अमरीकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ( U.S. Food and Drug Administration ) ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना वायरस के संभावित इलाज के रूप में चिह्नित किया है। करीब 1500 कोरोना वायरस मरीज़ों पर इस दवा का परीक्षण भी किया जा चुका है। उम्मीद की जा रही है कि कोरोना वायरस नाम की महामारी को खत्म करने में यह दवा गेम चेंजर साबित होगी। यही वजह हैकि ट्रंप प्रशासन ने बड़े पैमाने पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ख़रीदने का ऑर्डर दे दिए हैं।

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