पाकिस्तान में फिर से कश्मीर मुद्दे को भुनाने की कोशिश, 10 दिन का अभियान चलाएगी इमरान सरकार फलस्तीन ने इस योजना को नकार दिया उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बैठक में कहा कि वह व्हाइट हाउस में अपने मित्रों के साथ इस्राइल में शांति और सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह एक बेहतरीन योजना है। फलस्तीन के लोगों को शुरुआत में यह पसंद नहीं आए लेकिन यह उनके लिए हितकर होगी।
इस बीच फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमरीका की इस पेशकश को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उनके प्रवक्ता के अनुसार अब तक अमरीकी प्रशासन ने येरुशलम को इस्राइली राजधानी की मान्यता देने के अलावा किया ही क्या है? फलस्तीन ने राष्ट्रपति ट्रंप पर भी इस्राइल का पक्षधर रहने का आरोप लगाया।
दो साल से टल रही ट्रंप की शांति योजना ट्रंप ने पहले भी कई बार इस्राइल और फलस्तीन के बीच शांति समझौते के लिए प्रस्ताव पेश करने की बात कही है। मगर उनकी योजना बीते दो सालों से टल रही है। फलस्तीन के लोगों का मानना है कि ट्रंप की योजना इस्राइल के पक्ष में होगी, इसलिए उनके लिए यह बेकार है। गौरतलब है कि अमरीका वेस्ट बैंक इलाके में इस्राइली कब्जे और येरुशलम को राजधानी मान चुका है, जिसका फलस्तीन हमेशा विरोध करता रहा है।