भारतीय विदेश मंत्रालय ( MEA ) ने तुर्की ( Turkey ) की ओर से दिए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत, पक्षपातपूर्ण और गैजरूरी बताया है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि तुर्की भारत के आंतरिक मामलों में तब दखल दे जब उसे यहां की जमीनी हकीकत की पूरी जानकारी न हो।
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बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ( President Recep Tayyip Erdogan ) ने कश्मीर की तुलना फिलीस्तीन से की थी और कहा था कि भारत कोरोना संकट में कश्मीरियों पर अत्याचार कर रहा है। एर्दोगन ने ईद उल अजहा के मौके पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ( President of Pakistan Arif Alvi ) और प्रधानमंत्री इमरान खान ( Prime Minister Imran Khan ) से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का पूरा समर्थन देने की बात भी कही थी।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को तुर्की का समर्थन
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का साथ देने का वादा किया है। इस मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले ही एर्दोगान ने पाकिस्तानी आलाकमान को ये भरोसा दिलाया है। इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान के प्रति तुर्की ने अपना समर्थन जताया है।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने ईद के मौके पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात कर कई मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि पाकिस्तान को यह पता है कि पूरी दुनिया में एक-दो मुल्कों को छोड़कर बाकी सभी देश भारत के साथ खड़ी हैै।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से एक ट्वीट किया गया जिसमें ‘राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के बीच ईद-उल-अजहा ( Eid-ul-Azha ) के अवसर पर फोन पर बात करते हुए एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इसमें बताया गया था कि कश्मीर और कोरोना जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा पाकिस्तान UNGA से पहले राष्ट्रपति एर्दोगान के स्पष्ट बयान की तारीफ करता है’।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति ने भरोसा दिया है उनका देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के स्टैंड का समर्थन करेगा, क्योंकि दोनों देश भाई-भाई हैं और लक्ष्य भी एक है। बता दें कि इससे पहले भी तुर्की ने कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UN Security Council ) में पाकिस्तान का समर्थन किया था।