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गूगल VS एपल: एक-दूसरे की जमीन कब्जाने की तैयारी में तकनीक की दो सबसे बड़ी कंपनियां

locationनई दिल्लीPublished: Sep 22, 2017 06:01:19 pm

तकनीक की दुनिया केदिग्गजों में लड़ाई आम बात है, लेकिन फिलहाल गूगल—एपल एक दूसरे के आधार क्षेत्र में सेंधमारी की तैयारी में हैं।

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नई दिल्ली: तकनीक की दुनिया की दिग्गज कंपनी गूगल ने हाल ही में एचटीसी की स्मार्टफोन टीम को खरीदा है। ताइवान की इस कंपनी को गूगल ने 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 72 अरब रुपए में खरीदा है। इस जंग के लिए 2017 का साल अहम रहा है। साल की शुरुआत में एपल ने अपना सर्च इंजिन स्पॉटलाइट लॉन्च किया था। तब से ही गूगल के हार्डवेयर संबंधी बड़े कदम का इंतजार किया जा रहा था। गूगल के सौदे के साथ बीते 10 साल से जारी गूगल-एपल की जंग एक ऐसे मुकाम पर पहुंच चुकी है, जब दोनों एक-दूसरे के मैदान को मारने की पूरी तैयारी में हैं। मोबाइल हार्डवेयर बाजार में इस वक्त एपल का बोलबाला है तो सर्च इंजिन में गूगल का कोई सानी नहीं है। लेकिन यह हालात ज्यादा दिन तक नहीं रहेंगे। अगले तीन-चार सालों के लिए दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे को पीछे छोडऩे के लिए रणनीति तैयार की है।
क्यों हैं दोनों की जरूरत
असल में अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरे के क्षेत्र में कदम रखना गूगल और एपल की मजबूरी भी है और जरूरत भी। मौजूदा बाजार में इंटरनेट सर्चिंग का कारोबार स्मार्टफोन पर सीधे निर्भर है। इसलिए दोनों कंपनियां अपने मूल आधार क्षेत्र के साथ दूसरे क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं। फिलहाल इंटरनेट सर्चिंग में मोबाइल की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत है, जो आने वाले सालों में बढ़ेगी। ऐसे में मोबाइल बाजार पर जिसका कब्जा होगा, वह कंपनी इंटरनेट सर्चिंग में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।
हार्डवेयर क्षेत्र में गूगल की एंट्री
बीते कुछ सालों से गूगल हार्डवेयर क्षेत्र में खुद को लगातार मजबूत कर रहा है। एचटीसी की मोबाइल डिविजन टीम का अधिग्रहण इसी का हिस्सा है। पिछले साल पिक्सल और पिक्सल एक्सएल की लॉन्चिंग के जरिये गूगल ने एपल को बड़ी चुनौती दी थी। हार्डवेयर क्षेत्र में अब तक एपल को किसी से चुनौती नहीं मिली थी। नोकिया का अधिग्रहण कर माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा। गूगल के हार्डवेयर प्रमुख रिक ऑस्टेर्लो ने भविष्य के इरादे जाहिर करते हुए अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘एचटीसी की टीम अब गूगल के साथ काम करेगी, ये बेहतरीन लोग हैं, जो भविष्य निर्धारित करेंगे। हम पहले भी पिक्सल स्मार्टफोन के लिए साथ में काम करते रहे हैं।
गूगल की 6 साल की तैयारी
गूगल बीते करीब 6 साल से मोबाइल मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी की कोशिश कर रहा है। 2011 में गूगल ने मोटोरोला मोबिलिटी को करीब 820 अरब रुपए में खरीदा था। तब गूगल ने कुछ स्मार्टफोन भी लॉन्च किए थे। हालांकि योजना काम नहीं कर सकी और बाद में मोटोरोला का लेनोवो ने अधिग्रहण कर लिया।
अपना प्रोसेसर तैयार करने की योजना
गूगल की अगली रणनीति में एपल की तरह अपना खुद का प्रोसेसर तैयार करना शामिल है। माना जा रहा है कि 2019 तक गूगल अपना प्रोसेसर ले आएगा। फिलहाल गूगल अपने पिक्सल स्मार्टफोन के लिए दूसरी हार्डवेयर कंपनियों से करार करता है। गूगल के पिक्सल में क्वॉल्कॉम के प्रोसेसर होते हैं।
एपल पर बढ़ रहा है दबाव
करीब चार साल पहले एपल ने खुद को दूसरे क्षेत्रों में उतारने की शुरुआत की थी। हेंड वॉच से टैब तक एपल ने खुद को बाजार का सिरमौर साबित किया। लेकिन अब उसकी ग्रोथ में वह तेजी नहीं रही है, जो पांच साल पहले थी। ऐसे में एपल के लिए सर्च इंजिन क्षेत्र में उतरना जरूरी है।
टाइमलाइन
2007: गूगल-एपल की तकनीक वार शुरू। गूगल ने एंड्राइड का प्रोटोटाइप पेश किया।
2008: एचटीसी के साथ गूगल टी-मोबाइल का जी-1 लाया। एपल ने प्रोसेसर और क्लाउड में हिस्सेदारी बढ़ाई।
2011: गूगल ने मोटोरोला को खरीदकर मोबाइल बाजार पैर जमाने की कोशिश की।
2017 : गूगल ने एचटीसी की हार्डवेयर टीम को खरीदा। एपल ने अपना सर्च इंजिन स्पॉटलाइट लॉन्च किया।
2019 : गूगल एपल की तरह अपना खुद का प्रोसेसर तैयार करेगा।
2020: सर्च बाजार में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करेगा एपल।
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