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UNHCR ने भारत को दिया झटका, CAA के मुद्दे पर जाएगा सुप्रीम कोर्ट

locationनई दिल्लीPublished: Mar 04, 2020 08:29:50 am

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS:

नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के खिलाफ वे भारत के सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे: UNHCR
भारत ने सीधे-सीधे इसका विरोध जताते हुए ये साफ कर दिया कि CAA हमारा आंतरिक मामला है
CAA के खिलाफ देशभर में इसका विरोध-प्रदर्शन

caa protest

UN High Commissioner for Refugees to move SC over CAA

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के खिलाफ भारत के तमाम हिस्सों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। हालांकि इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ( Supreme Court ) में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसपर सुनवाई हो रही है। ।

इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ( United Nations High Commissioner for Human Rights ) की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है। दरअसल, शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त की ओर से कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ वे भारत के सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

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हालांकि भारत ने सीधे-सीधे इसका विरोध जताते हुए ये साफ कर दिया कि CAA A हमारा आंतरिक मामला है। ये विभाजन के दौरान जो त्रासदी हुई और उत्पन्न मानवाधिकारों के मुद्दे के संबंध में हमारा एक दीर्घकालिक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।

भारत ने UNHCR के बयान पर जताई आपत्ति

भारत ने UNHCR प्रमुख मिशेल बाचेलेट ( Michelle Bachelet ) की ओर से दिए गए बयान को लेकर आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम भारत का आंतरिक मामला है और कानून बनाने के लिए भारतीय संसद के संप्रभु अधिकार की चिंता करता है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि किसी भी विदेशी पार्टी के पास भारत की संप्रभुता से संबंधित मुद्दों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा ‘ये स्पष्ट हैं कि सीएए संवैधानिक रूप से वैध है और हमारे संवैधानिक मूल्यों की सभी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है। यह भारत के विभाजन की त्रासदी से उत्पन्न मानवाधिकार मुद्दों के संबंध में हमारी लंबे समय से चली आ रही राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।’

बयान में आगे यह भी कहा कि भारत कानून के शासन द्वारा शासित एक लोकतांत्रिक देश है। हम सभी को अपनी स्वतंत्र न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमें विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हमारी आवाज और कानूनी रूप से स्थायी स्थिति को संरक्षित किया जाएगा।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?

आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को पारित किया गया था, जिसको लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। नागरिकता संशोधन कानून में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, जैनियों और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

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इस कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया, जिसको लेकर लोग विरोध जता रहे हैं। नए कानून के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से देश में प्रवेश करने वाले गैर मुस्लिम नागरिकों को नागरिकता दी जाएगी।

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ कार्यकर्ताओं, विपक्षी सदस्यों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

देश भर में CAA का विरोध

आपको बता दें कि CAA के खिलाफ देशभर में इसका विरोध किया जा रहा है। कई जगहों पर उग्र हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं। कई राज्यों ने सीएए के खिलाफ अपनी चिंता भी जताई और कहा कि वे अपने राज्य में नए नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे।

बंगाल, बिहार, पंजाब, केरल सहित भारत के विभिन्न राज्यों ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं। पिछले सप्ताह दिल्ली में कानून पर हिंसक झड़पें भी हुईं, जिसमें 47 लोग मारे गए और 250 से अधिक घायल हो गए।

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