रूस और यूक्रेन के बीच तनाव गहराया, दोनों देशों ने युद्ध के लिए कसी कमर
नहीं पास हो सका मसौदासमाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को मतदान से पहले महासभा ने बहुमत तय करने के लिए अलग से मतदान कराया क्योंकि इस मसौदे को पारित करने के लिए बहुमत की जरूरत होगी। मतदान में इस मसौदे के पक्ष में 87 जबकि विरोध में 58 वोट पड़े। वहीं 32 लोगों ने मतदान से दूरी बनाए रखी, जिसके परिणामस्वरूप मसौदा संयुक्त राष्ट्र महासभा में जरूर दो तिहाई बहुमत जीतने में नाकाम रहा। सभी अरब देशों ने इस मसौदे के खिलाफ मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलीस्तीन सरकार के एक प्रस्ताव पर भी मतदान किया, जिसमें इजरायली बस्तियों की निंदा की गई थी और भावी शांति समझौते के मानकों का उल्लेख था। इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। इसके खिलाफ केवल छह वोट पड़े थे।
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इजराइल और अमरीका को बड़ा झटकासंयुक्र राष्ट्र में गिरे इस प्रस्ताव को अमरीका और इजराइल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दोनों देश पीछे कई सालों से हमास और खासकर फिलस्तीन के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं। दोनों देश हमास के कट्टर दुश्मन रहे हैं। बीते महीनों में हमास और इजराइल के बीच कई बार गाजापट्टी में झड़पें हो चुकी हैं।