कश्मीर में पाबंदी और कर्फ्यू में ढील की अपील
अपने भाषण में उन्होंने मोबाइल-इंटरनेट और शांतिपूर्ण सभा पर लगे पाबंदियों और स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के कदम का जिक्र करते हुए चिंता जाहिर की। बैचलेट ने खासकर अपील की है कि अब भी जारी कश्मीर में पाबंदी और कर्फ्यू में ढील दें। लोगों तक बुनियादी सेवाएं पहुंचाना सुनिश्चित करें।’ इसके साथ ही उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों के उचित प्रक्रिया वाले सभी अधिकारों का सम्मान करने का भी निर्देश दिया।
कश्मीरियों की राय जरूरी
बैचलेट ने कहा कि ऐसे फैसले जिससे कश्मीर के लोगों का भविष्य प्रभावित हो, उनमें उनको शामिल करने और उनकी राय ली जाए। आपको बता दें कि भारत का कहना है कि अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है।
NRC प्रक्रिया पर भी चिंता जताई
UNHRC प्रमुख ने कश्मीर के साथ-साथ राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हाल ही में असम में हुए इसके सत्यापन प्रक्रिया से काफी अनिश्चितता और चिंता की स्थिति पैदा हुई है। बता दें कि 31 अगस्त को प्रकाशित की गई अंतिम सूची में करीब 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है। बैचलेट ने भारत से अपील की है कि वे सुनिश्चित करें कि ये लाखों लोग राष्ट्र विहीन न हों।
उचित नियमों का पालन हो: UNHRC
बैचलेट ने भारत सरकार से अनुरोध किया, ‘अपील की प्रक्रिया के दौरान उचित नियमों का पालन हो। लोगों को वापस भेजने या हिरासत में लेने से बचा जाए।’ बता दें कि भारत का कहना है कि NRC को अपडेट करना भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चलाई जा रही एक वैधानिक, पारदर्शी, विधिक प्रक्रिया है। भारत सरकार ने NRC से बाहर हुए लोगों को यह भी आश्वस्त किया है कि उनके अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।